Friday, June 4, 2010

चार वर्षों में 4818 लोगों का नहीं बन पाया इंदिरा आवास

बिहार के किशनगंज जिले में पिछले चार वर्षो से 4818 लाभार्थियों के इंदिरा आवास के निर्माण का काम अधूरा पड़ा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हाल की विश्वास यात्रा के दौरान जिला प्रशासन द्वारा तैयार प्रगति प्रतिवेदन से यह खुलासा हुआ है कि किशनगंज जिले के सात प्रखंडों में अनुसूचित जाति के 627, अनुसूचित जनजाति के 613, अल्पसंख्यक समुदाय के 2650 तथा अन्य 928 लाभार्थियों के लिए इंदिरा आवास के निर्माण का काम अधूरा पड़ा है।
प्रगति प्रतिवेदन के अनुसार किशनगंज प्रखंड में 375, बहादुरगंज प्रखंड में 746, कौचाधामन प्रखंड में 792, दिघलबैंक प्रखंड में 613, ठाकुरगंज प्रखंड में 768, पोठिया प्रखंड में 783 और छेढागाछ प्रखंड में 741 लाभार्थियों को पूरी राशि नहीं मिलने से इंदिरा आवास के निर्माण काम पूरा नहीं हो पाया है।
किशनगंज के उपविकास आयुक्त उमेश कुमार ने बताया कि इंदिरा आवास के निर्माण के ए कार्य अधूरे क्यों रह गए,, इसकी जांच का निर्देश प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दिया गया है। प्रगति प्रतिवेदन में नीतीश के साढे़ चार वषरें के शासन काल के दौरान जिला प्रशासन द्वारा 56 हजार 501 लाभार्थियों का इंदिरा आवास पूर्ण होने का दावा किया गया है।

जिला प्रशासन के इस दावे को गलत ठहराते हुए कांग्रेस विधायक तौसीफ आलम ने आरोप लगाया है कि इंदिरा आवास एवं मनरेगा सहित अन्य केन्द्र प्रायोजित योजनाओं में 80 फीसदी राशि अफसरशाही के भ्रष्ट तंत्रों की भेंट चढ़ जाती है जिसके चलते इन योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पाता है। आलम ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने अपनी विश्वास यात्रा के दौरान पुलिस अधिकारियों को दलालों पर कार्रवाई करने का संकेत देकर भ्रष्टाचार की एक कड़ी को न्योता दे दिया है क्योंकि जिला प्रशासन से ज्यादा भ्रष्टाचार पुलिस प्रशासन में है।

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