स्थानीय विधायक अख्तरूल ईमान ने बुधवार को बिहार विधानसभा में मानव संसाधन विकास विभाग बिहार सरकार द्वारा सदन में प्रस्तुत बजट पर वाद-विवाद के दौरान किशनगंज में शिक्षा विभाग को असफल करार दिया। उन्होंने मांग की कि किशनगंज में सरकार शिक्षा का रोड मैप बनाये। इसके अलावे उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने की पूरजोर वकालत करते हुए कहा कि वार्षिक छात्र रिपोर्ट के अनुसार वर्ग एक से आठ तक के ग्यारह प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो वर्णमाला का क,ख, ग नहीं जानते। यही हालत अंग्रेजी की भी है। जिसमें चौबीस प्रतिशत बच्चे ए,बी,सी,डी को पहचान नहीं पाते।
विधायक ने सरकार का ध्यान शिक्षा की गुणवत्ता पर दिलाते हुए कहा कि किशनगंज अल्पसंख्यकों और दलितों की स्थिति बहुत दयनिय है। स्कूल से बाहर रहने वाले अनामांकित बच्चों की संख्या अब भी बहुत ज्यादा है। जिसके लिए सरकार गंभीर नहीं है। केवल बच्चों का नामांकन करके कोटा पूरा कर दिया गया है। इसके अलावे उन्होंने कालेजों की दयनीय हालातों पर भी सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया और कहा कि कालेजों में उर्दू, फारसी एवं संस्कृत की इकाईयों के पदों को समाप्त करने की सरकार की नीति साठ प्रतिशत कालेज शिक्षकों के पदों का सरकार द्वारा बहाल नहीं किये जाने से उच्च शिक्षा चाहने वाले विद्यार्थी बेहाल हैं।
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