गत वर्षो में एनबीसीसी के देखरेख में बनी पीएमजीएसवाई की सड़कें समय से पहले काल के गाल में समा रही हैं। इसे लेकर स्थानीय सांसद मौलाना असरारुल हक चिंतित हैं। जिसके बाद विभागीय पदाधिकारी नई सड़क योजना में सिलीगुड़ी स्टोन लगाने पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इससे पहले जिप पार्षद सह पूर्व उपाध्यक्ष शकील अख्तर राही ने जानकारी दी कि काठामाठा से टप्पू हाट दो वर्ष पहले बनी बनी लगभग सौ किलोमीटर लम्बी प्रधानमंत्री सड़क कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई है।
कटहलबाड़ी में नदी के कटाव से बचाने के लिए बनी सुरक्षात्मक दीवार भी ढह गई है। उन्होंने बताया कि डब्लूएमएम में सिलीगुड़ी के नदियों से निकले गोल पत्थर लगाने से प्रीमिक्सिंग स्थान-स्थान पर क्रेक हो गई है, जिसकी मरम्मत बरसात के पहले अति आवश्यक है । इस संबंध में स्थानीय सांसद मौलना असरारुल हक काशमी ने जानकारी दी कि पीएमजीएसवाई की सड़कों की मरम्मत की राशि प्रदेश सरकार को देनी है।
केन्द्र सरकार की एजेंसी एनबीसीसी को पथ निर्माण विभाग बिहार द्वारा 85 लाख रुपए का एक चेक दिया गया है लेकिन जिस कार्यपालक अभियंता के बैंक खाते से राशि आहरित होनी है,उनका खाता अभी भी अधर में हैं । उन्होंने कहा पीएमजीएसवाई की सड़कों की मरम्मत राशि मिलते ही ठेकेदारों को सड़कों की मरम्मत करनी होगी । सिलीगुड़ी का गोल स्टोन पीएमजीएसवाई की सड़कों में लगाने की शिकायत पर सांसद श्री हक ने बताया कि कि उस समय डीपीआर में सिलीगुड़ी स्टोन की व्यवस्था रही होगी । उन्होंने बताया कि इधर प्रधानमंत्री सड़क के डीपीआर में पाकुड़ का स्टोन-बोल्डर लगाने का प्रावधान किया गया है ।
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