Friday, November 6, 2009

विद्युत कार्यपालक अभियंता पर उपभोक्ता फारम में वाद दायर

विद्युत विभाग के अधिकारियों का मनमाने ढंग से किसान के विद्युत कनेक्शन काटे जाने के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया गया है, जिसका कांड संख्या- 32/09 है। जिसमें आवदेक विश्वजीत मजूमदार ने विद्युत कार्यपालक अभियंता, किशनगंज एवं अन्य अधिकारियों के विरूद्ध मामला दर्ज करते हुए न्याय की मांग की है। अपने आवेदन में उपभोक्ता चूंकि चाय की खेती करता है, ने आरोप लगाया है कि वैध विद्युत कनेक्शन होते हुए भी बार-बार मौखिक एवं लिखित अनुरोध करने पर भी विभाग द्वारा बिजली बिल नहीं दिया गया।
बाद में संपर्क करने पर उपभोक्ता से दस हजार रूपये रिश्वत की मांग की गई। जिसे पूरा नहीं करने के कारण बिना पूर्व सूचना के अवैधानिक तरीके से एकतरफा कार्रवाई करते हुए इसका विद्युत कनेक्शन काट दिया गया। इससे चाय की पौधे सिंचाई की अभाव में प्रतिकूल असर पड़ रहा है। जबकि कंजूमर नंम्बर आरएस/आईएएस/ 1580 है और हालामाला मौजा स्थित चाय बगान में वर्ष 2005 को कनेक्शन दिया गया था।

ज्ञातव्य हो कि जहां बिहार सरकार किशनगंज जिले में चाय की खेती को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है वहां विद्युत अधिकारियों द्वारा चाय किसान के विरूद्ध किया गया आचरण घोर निंदनीय है। वैसे किशनगंज जिला सूखाग्रस्त घोषित किया गया है एवं किसानों को सिंचाई हेतु हर संभव सहायता प्रदान करने की सरकार की नीति है। इस संबंध में विद्युत कार्यपालक की अनुपस्थिति में विद्युत सहायक अभियंता से इस बाबत जानना चाहा तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

1 comment:

  1. तलाश जिन्दा लोगों की ! मर्जी आपकी, आग्रह हमारा!!
    काले अंग्रेजों के विरुद्ध जारी संघर्ष को आगे बढाने के लिये, यह टिप्पणी प्रदर्शित होती रहे, आपका इतना सहयोग मिल सके तो भी कम नहीं होगा।
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    सागर की तलाश में हम सिर्फ बूंद मात्र हैं, लेकिन सागर बूंद को नकार नहीं सकता। बूंद के बिना सागर को कोई फर्क नहीं पडता हो, लेकिन बूंद का सागर के बिना कोई अस्तित्व नहीं है। सागर में मिलन की दुरूह राह में आप सहित प्रत्येक संवेदनशील व्यक्ति का सहयोग जरूरी है। यदि यह टिप्पणी प्रदर्शित होगी तो विचार की यात्रा में आप भी सारथी बन जायेंगे।

    ऐसे जिन्दा लोगों की तलाश हैं, जिनके दिल में भगत सिंह जैसा जज्बा तो हो। गौरे अंग्रेजों के खिलाफ भगत सिंह, सुभाष चन्द्र बोस, असफाकउल्लाह खाँ, चन्द्र शेखर आजाद जैसे असंख्य आजादी के दीवानों की भांति अलख जगाने वाले समर्पित और जिन्दादिल लोगों की आज के काले अंग्रेजों के आतंक के खिलाफ बुद्धिमतापूर्ण तरीके से लडने हेतु तलाश है।

    इस देश में कानून का संरक्षण प्राप्त गुण्डों का राज कायम हो चुका है। सरकार द्वारा देश का विकास एवं उत्थान करने व जवाबदेह प्रशासनिक ढांचा खडा करने के लिये, हमसे हजारों तरीकों से टेक्स वूसला जाता है, लेकिन राजनेताओं के साथ-साथ अफसरशाही ने इस देश को खोखला और लोकतन्त्र को पंगु बना दिया गया है।

    अफसर, जिन्हें संविधान में लोक सेवक (जनता के नौकर) कहा गया है, हकीकत में जनता के स्वामी बन बैठे हैं। सरकारी धन को डकारना और जनता पर अत्याचार करना इन्होंने कानूनी अधिकार समझ लिया है। कुछ स्वार्थी लोग इनका साथ देकर देश की अस्सी प्रतिशत जनता का कदम-कदम पर शोषण एवं तिरस्कार कर रहे हैं।

    आज देश में भूख, चोरी, डकैती, मिलावट, जासूसी, नक्सलवाद, कालाबाजारी, मंहगाई आदि जो कुछ भी गैर-कानूनी ताण्डव हो रहा है, उसका सबसे बडा कारण है, भ्रष्ट एवं बेलगाम अफसरशाही द्वारा सत्ता का मनमाना दुरुपयोग करके भी कानून के शिकंजे बच निकलना।

    शहीद-ए-आजम भगत सिंह के आदर्शों को सामने रखकर 1993 में स्थापित-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)-के 17 राज्यों में सेवारत 4300 से अधिक रजिस्टर्ड आजीवन सदस्यों की ओर से दूसरा सवाल-

    सरकारी कुर्सी पर बैठकर, भेदभाव, मनमानी, भ्रष्टाचार, अत्याचार, शोषण और गैर-कानूनी काम करने वाले लोक सेवकों को भारतीय दण्ड विधानों के तहत कठोर सजा नहीं मिलने के कारण आम व्यक्ति की प्रगति में रुकावट एवं देश की एकता, शान्ति, सम्प्रभुता और धर्म-निरपेक्षता को लगातार खतरा पैदा हो रहा है! अब हम स्वयं से पूछें कि-हम हमारे इन नौकरों (लोक सेवकों) को यों हीं कब तक सहते रहेंगे?

    जो भी व्यक्ति इस जनान्दोलन से जुडना चाहें, उसका स्वागत है और निःशुल्क सदस्यता फार्म प्राप्ति हेतु लिखें :-

    (सीधे नहीं जुड़ सकने वाले मित्रजन भ्रष्टाचार एवं अत्याचार से बचाव तथा निवारण हेतु उपयोगी कानूनी जानकारी/सुझाव भेज कर सहयोग कर सकते हैं)

    डॉ. पुरुषोत्तम मीणा
    राष्ट्रीय अध्यक्ष
    भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
    राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यालय
    7, तँवर कॉलोनी, खातीपुरा रोड, जयपुर-302006 (राजस्थान)
    फोन : 0141-2222225 (सायं : 7 से 8) मो. 098285-02666
    E-mail : dr.purushottammeena@yahoo.in

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