Thursday, November 5, 2009

केन्द्र-राज्य का संयुक्त टी प्लांट नही चला

सात वर्षो की लम्बी अवधि बीत जाने के बाद भी सरकारी क्षेत्र में पोठिया प्रखंड के कालीदास किस्मत पंचायत में लगभग दस एकड़ क्षेत्र में केन्द्र एवं राज्य सरकार की सहायता से निर्मित टी प्रोसेसिंग प्लांट को बचाने का तीन विकल्प है जिसमें पहला है कि इसके लिए प्रबंधक तकनीशियन कर्मचारी बहाल हो। दूसरा विकल्प है इसे लीज पर दे दिया जाय और अंतिम विकल्प है इसे बेच दिया जाय। खरीदने वाले भी 15 करोड़ तक कीमत देने के लिए तैयार हैं। यह जानकारी प्रशासनिक सूत्रों ने दी। जानकारी के मुताबिक सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजर बसर करने वालों को वांछित कल्याण, सैकड़ों मजदूरों, किसानों व रोजगार की व्यवस्था के लिए दस करोड़ की लागत से टी प्रोसेसिंग प्लांट तैयार कराया था। सन 2002 से इस प्रोसेसिंग प्लांट के लिए कार्रवाई प्रारंभ हुई थी। 75 प्रतिशत केन्द्र एवं 25 प्रतिशत राज्य के शेयर से कुल 15 करोड़ की यह योजना थी। जिसमें लगभग दस करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ था जिससे टी प्रोसेसिंग प्लांट 2004 से बनना प्रारंभ हुआ। उस समय किशनगंज के जिलाधिकारी के. सेन्थिल कुमार थे। प्लांट बनकर वर्षो से तैयार है। राज्य के दो- दो प्रधान सचिव एस.एम. राजू एवं अनूप मुखर्जी भी इसका अवलोकन कर चुके हैं। अनूप मुखर्जी सम्प्रति मुख्य सचिव हैं, फिर भी बात चिट्ठियों तक सीमित है, जिसका ऊपर उत्तर नहीं भेजा जाता ।

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