Thursday, November 12, 2009

गरीबी उन्मूलन: चौदह वर्ष तक के छात्र मजदूर बनने को विवश

गरीबी उन्मूलन की योजनाओं जमीन पर नही उतर रही हैं या उनका कोई असर गरीब परिवारों पर नही पड़ रहा है । आठ कक्षा तक पहुंचते-पहुंचते पचास प्रतिशत छात्र स्कूल छोड़ देते हैं। पेट भरने के लिए ये बच्चे क्षेत्र में मजदूरी करते हैं या प्रदेश चले जाते हैं। जिले के मध्य विद्यालयों में छात्रों की घटती संख्या इस तरफ संकेत करती हैं। इस बावत एक सर्वेक्षण की जानकारी देते हुए मध्य विद्यालय चकलाघाट, प्रखंड किशनगंज के अध्यक्ष मो. असरारुल हक अशर्फी और प्रधानाध्यापक मध्य विद्यालय चकला अब्दुल मजीद ने बताया कि उनके स्कूल में कक्षा आठ में कुल 87 बच्चे नामांकित हैं। इसका सबसे अधिक दुखद पहलू यह है कि छात्रों की संख्या छात्राओं की संख्या से आधे से भी कम है। दोनों ने कहा कि यह संकेत करता है कि पचास प्रतिशत छात्र गरीबी से तंग आकर स्कूल छोड़कर मजदूरी करने को विवश हैं या प्रदेश चले गए हैं। गौरतलब है कि कक्षा सात और कक्षा छह में छात्रों की संख्या छात्राओं से अधिक हैं।

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