Monday, May 4, 2009

उम्मीदवारों पर नजर, पीकअप वैन से रख रहे थे मजिस्ट्रेट

जहां एक ओर लोकसभा चुनाव में खड़े सभी प्रत्याशी स्र्कापियों व बोलेरो जैसी एसी गाड़ी से चुनाव प्रचार करते रहे, वहीं दूसरी ओर प्रत्येक प्रत्याशियों के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी व विडियोग्राफर को पीकअप व जीप जैसी गाड़ी से पीछा कर रहे थे। यह जानकारी चुनाव ने प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों ने मतदान समाप्त होने के बाद दी। वे लोग जिलापदाधिकारी द्वारा पल-पल की रिपोर्ट की जानकारी मांगने और जानकारी नही दे पाने के कारणों पर प्रकाश डाल रहे थे।
नाम नहीं छापने की शर्त पर लगातार नौ दिन तक 24 घंटे में चौदह घंटे तक उम्मीदवारों का पीछा कर रहे मजिस्ट्रेडों ने बताया कि उन लोगों को अग्रिम राशि भी नहीं दी गई थी,जबकि 22 अप्रैल से ही लोकसभा चुनाव में उतरे प्रत्येक प्रत्याशियों के पीछे कुल पन्द्रह प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी को प्रत्याशियों को पार्टी जनसभा, वाहनों के काफिला की मौके पर पहुंचकर वीडीयोग्राफी अनिवार्य रूप से करने का आदेश जारी किया गया था। जिससे पार्टी प्रत्याशी द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर कड़ी नजर रखी जा सकें। ज्ञात हो कि 18 अप्रैल को मुजफ्फरपुर में आयोजित भारत निर्वाचन आयोग की समीक्षात्मक बैठक में दिये गये निर्देश के आलोक में दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गयी थी।
गौरतलब है कि जब चुनाव नियंत्रण कक्ष के यह सूचना मिलती थी कि प्रत्याशी किसी स्थान पर रुपया बांट रहे हैं तो इसकी पुष्टि तत्काल डीएम उम्मीदवारों के साथ लगाये गये दंडाधिकारी से करते थे, तब मजिस्ट्रेट जानकारी देते थे सर अब हम बहुत पीछे हैं। बीस मिनट बाद ही सही जानकारी द पाएंगे।

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