Tuesday, May 12, 2009

रमजान नदी : अतिक्रमण नही रुका तो प्रभावित होगा जीवन

सदियों से शहरी कचरा अपने गर्भ में पचाते-पचाते सूख गई रमजान नदी के अस्तित्व पर अब अतिक्रमण हो रहा है। ऐसा करने वालों को शायद भान नही है कि वे अपने ही भावी पीढ़ी की जीवन रेखा को मिटा देने पर तुले हैं। गौरतलब है कि रमजान नदी में सारे शहर का कचरा गिरता है, जिसे बरसात में रमजान नदी बड़ी नदी में ले जाकर प्रवाह कर देती है,वर्ष भर शहर को साफ सुथरा रखती है।
केन्द्रीय राज्यमंत्री तस्लीम को यह दर्द अहसास हुआ,उन्होंने रमजान नदी के गर्भ को पूर्ववत स्वरुप देने तथा उसके तटों को सुन्दर बनाने के लिए 50 करोड़ रुपए की मंजूरी केन्द्रीय शहरी मंत्रालय से कराएं। यह महान कार्य शुरु हो, इससे पहले ही रमजान नदी के गर्भ में स्थित तल पर अतिक्रमण तेज हो गया है । कहीं नदी के गर्भ में तालाब बन रहा है तो,कहीं भवन की दीवार बन रही है
को गांधी पुल के पास ऐसे ही एक अतिक्रमण को बीडीओ अभिन्द्र कुमार सिंह ने मौके पर पहुंचकर नापी होने तक के लिए रोक दिया है। इस अतिक्रमण पर भाजपा के पूर्व विधायक सिकन्दर सिंह और मरवाड़ी पंचायत के सचिव राजकरण दफ्तरी ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि रमजान नदी किशनगंज शहर की लाइफ लाइन और महान पंर्व छठ घाट की प्रतीक है। इस पर अतिक्रमण नही रोका गया तो रमजान रक्षा मंच का गठन करके सतत धरना प्रदर्शन 16 मई के बाद किया
ही पीड़ा नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती शिबिया देवी ने भी जताते हुए कहा कि रमजान नदी के सौन्दर्यीकरण के लिए 50 करोड़ रुपए की स्वीकृति शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार ने दी है। उन्होंने शहरवासियों को सचेत किया है कि यदि रमजान नदी पर आगे भी अतिक्रमण जारी रहा तो 50 करोड़ की सौन्दर्यीकरण की योजना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

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