Wednesday, May 13, 2009

सत्तर प्रतिशत विद्यार्थी हाई स्कूल के बाद छोड़ देते है पढ़ाई

यह एक ऐसा सत्य है जो जिले के विकास को बेनकाब कर देगा। जी, हां,जिले में वर्ष 2008-09 में पांच हजार 11 विद्यार्थी हाई स्कूल की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए थे और वर्ष 2009-10 के जारी सत्र में मात्र 1,784 छात्र-छात्राएं वर्ग 11 की परीक्षा दे रहे हैं। इस बात की पुष्टि जिला शिक्षा पदाधिकारी चन्द्रानंद मंडल ने भी किया। सनद रहे है कि जिले के सभी 17 हाई स्कलों में वर्ष 2008-09 के सत्र में पांच हजार 11 बच्चे वर्ग 10 की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए थे और इस समय सभी स्कूलों में वर्ग 11 की परीक्षा चल रही है जिसमें केवल 1,784 विद्यार्थी परीक्षा दे रहे हैं।

यह तथ्य जिले के विकास को बेनकाब करता है,निश्चित रुप से ऐसे बच्चे गरीबी के चलते बीच में ही पढ़ाई छोड़कर परदेश चल गए होंगे। कोचाधामन प्रखंड क्षेत्र के पाटकोई पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि लाल बाबू ने बताया कि उनके गांव के चालीस प्रतिशत युवा व अधेड़ लोग परदेश में हैं। दिल्ली और पंजाब से ग्रामीणों की रोजी-रोटी चल रही है।

उन्होंने कहा कि वे अपनी बेटी को डाक्टर बनाना चाहते हैं,इसके लिए रुपए लगेंगे और रुपए नही होने पर वे अपनी बेटी को डाक्टर नही बना सकेंगे। इसी प्रकार वर्ग 11 और 12 की पढ़ाई करने में लगभग दो हजार रुपए लगते हैं। इतनी राशि क्षेत्र के अभिभावकों के पास नही है,मजबूरी में हाई स्कूल पास करने वाले बच्चों को वे लोग परदेश भेज देते हैं।

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