Wednesday, April 14, 2010

जिला प्रशासन ने 47 आदिवासियों पर दर्ज करायी प्राथमिकी

जिला प्रशासन ने आनन-फानन में कागजी खानापुरी करते हुए चकला मोड़ में बसे 47 आदिवासियों के खिलाफ धारा 143, 144, 447 भादवि के तहत किशनगंज थाना में 01 अप्रैल 2010 को प्राथमिकी दर्ज करायी है, जिसका कांड संख्या 87/10 है। सूचक राजस्व कर्मचारी मुरलीधर सिंह के द्वारा सूची समर्पित करते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी गई है। जिसमें आदिवासियों द्वारा गैरमजरूआ परती जमीन पर जबरन घर बसाने की बात शामिल है जो जिला प्रशासन एएमयू के नाम से प्रतिवेदित किया है।
वहीं आदिवासियों की माने तो तीस वर्ष पूर्व जिला प्रशासन द्वारा उनके नाम से बंदोबस्ती कर स्वामित्व सौंपा था और फिलवक्त मालगुजारी रसीद भी कट रहा है। इन लोगों ने बताया कि जिला प्रशासन के भारी दवाब में राजस्व कर्मचारी से लिखवाया गया वक्तव्य है। भारी दवाब क तहत दर्ज करायी गई प्राथमिकी से बेघर होने की आशंका को लेकर आदिवासी आन्दोलन करने की बात कही।
इन लोगों ने एक स्वर में कहा कि एएमयू के लिए प्रस्तावित जमीन से संबद्ध रिपोर्ट स्थल जांच कर तथ्य परक बनाने के बजाय टेबुल पर बैठकर कागजी खानापूर्ति कर अपने क‌र्त्तव्य की इतिश्री कर ली है। यदि उस वक्त स्थल का निरीक्षण व अद्यतन स्थिति की जायजा लिया होता तो सच्चाई सामने आ जाती। दूसरी ओर आदिवसियों ने अपने-अपने घर को बचाने हेतु गोलबंद हो रहे हैं एवं अपनी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचायेंगे। ऐसा उन लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा ही जमीन बंदोबस्त कर बसाया जाता है और फिर उजाड़ना आदिवासियों के साथ क्रूर मजाक से ज्यादा कुछ भी नहीं है।

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