Wednesday, April 28, 2010

स्वास्थ्य बीमा कार्ड प्रखंड में सिद्ध हुआ लालीपाप

गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का कार्ड लालीपाप सिद्ध हो रहा है। एक वर्ष में दो माह बीत गया है और नि:शुल्क चिकित्सा मद आवंटित तीस हजार रुपए के लाभ से पीड़ित कार्डधारी परिवार वंचित हैं। जानकारी के मुताबिक प्रखंड के 42 हजार बीपीएल परिवारों में अब तक केवल 14 हजार परिवारों का ही बीमा स्मार्ट कार्ड बनाकर दिया गया है। जिसमें भी तकनीकी खामियों की शिकायत है।

 सनद रहे राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का उद्देश्य चयनित चिकित्सालयों में नि:शुल्क स्वास्थ्य चिकित्सा निशुल्क ा प्रदान करना है। योजना के तहत बीपीएल परिवार को प्रतिवर्ष तीस हजार रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा फ्लोटर के आधार पर दिया जाना है। इसके तहत किशनगंज जिले में रायल सुन्दरम इंस्योरेस को जिम्मेवारी सौंपी गई है। जिसके द्वारा निर्धारित निजी चिकित्सालयों में कार्ड धारक गरीबों का इलाज किया जायेगा। इसी के तहत ठाकुरगंज प्रखंड में पहले चरण में जिन 14 हजार परिवारों को कार्ड बने है उनमें अधिकतर में कोई न कोई तकनीकी खराबी देखी जा रही है।

 मरीज जब इलाज कराने नर्सिग होम पहुंच रहे है तो किसी कार्ड का रजिस्ट्रेशन फेल बताया जाता है तो किसी में तीस हजार के बदले तीन सौ रुपये की राशि ही दर्शायी जा रही है। ज्ञात हो तीस हजार रुपये में 29 हजार हजार रुपये बीमा राशि तथा एक हजार रुपये यात्रा भत्ता दिया जाना है। जबकि कार्ड में केवल 290 रुपये बीमा राशि तथा भत्ता में 10 रुपये ही अंकित है। इन सबके साथ कार्ड में पूरे परिवार की फोटो स्केन रहनी चाहिए। वह भी नहीं है। नतीजतन इलाज के लिए दूर देहात से प्रखंड मुख्यालय आकर निराश लौट रहे हैं गरीब।

 वहीं कार्ड में हुई इस तकनीकी भूल का असर दूसरे चरण के कार्ड बनाने में पड़ रहा है। एक तो प्रशासन द्वारा न व्यापक प्रचार प्रसार इस बाबत हो रहा है न जनप्रतिनिधि इस मामले में रुचि दिखा रहे है। इस पूरे मामले में संबंधित इंस्योरेस कंपनी के जिला कार्डिनेटर अभिषेक रंजन तिवारी से जब संपर्क साधा गया तो उन्होंने पूरे मामले को साफ्टवेयर की प्रोब्लम माना तथा जल्द ही सुधार की बात कहीं। अब सवाल उठता है कि एक मार्च से शुरू इस योजना के दो माह गुजरने को है सरकार की लाख चाहत के बावजूद इसका लाभ गरीब नहीं उठा पा रहे है। इसके दोषी को क्या सजा मिलेगी।

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