Wednesday, April 7, 2010

शिक्षा का मौलिक अधिकार कानून लागू नहीं होने से शिक्षक खुश

छह वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा का मौलिक और अनिवार्य कानून बिहार प्रदेश में लागू नहीं होने से किशनगंज के शिक्षक खुश हैं। यह जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारिक सूत्रों ने दी और बताया कि यह कानून एक अप्रैल से देश में लागू हो गया है, जिसे सभी राज्य सरकारों को क्रियान्वित कराना है, जो बिहार में अभी अधर में है। वहीं शिक्षकों ने अनिवार्य और मौलिक शिक्षा कानून में दो सौ दिनों तक स्कूलों को खोलना, पांच दिनों तक आठ और शनिवार को पांच घंटे तक पढ़ाने की अनिवार्यता का विरोध करते हुए बिहार में इस कानून को नहीं लागू करने का स्वागत किया है।

शिक्षकों ने बताया कि एक सप्ताह में एक शिक्षक को 45 घंटे तक पढ़ाने का कानून एयर कंडीशन कमरे में बैठकर बनाया गया है जिसे सरजमीन पर उतारना टेढ़ी खीर साबित होगी, न तो बच्चों आठ घंटे तक पढ़ पाएंगे और न ही शिक्षक आठ घंटे तक पढ़ा पाएंगे। इस सवाल पर जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान सचिव हरिमोहन सिंह ने कहा कि राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के दिशानिर्देश के अनुसार रणनीति बनाई जाएगी। बतौर एक शिक्षक उन्होंने छह वर्ष से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को दिए गए शिक्षा के मौलिक व अनिवार्य अधिकार कानून का स्वागत किया है।

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