Tuesday, April 6, 2010

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की शाखा का सभी हैं समर्थक

जिले में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का अध्ययन केन्द्र खोलने का विरोध कोई नही कर रहा है। अभाविप के बंद के आह्वान के दिन एक अप्रैल को जिन आदिवासियों को आगे करके बंद को सफल बनाने का असफल प्रयास किया गया , वे भी इसके विरोधी नहीं है। उन्हें भ्रमित करके लाया गया था। यह बात जदयू के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में जिलाध्यक्ष सह प्रमुख किशनगंज कमरुल होदा ने कहीं। वे गुरूवार को जदयू के जिला कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि जो लोग एएमयू की शाखा का विरोध कर रहे हैं,वे लोग किशनगंज के निवासी नहीं है और उनका मकसद सदियों से सौहार्द पूर्ण माहौल में रह रहे हिन्दू और मुस्लिम समाज के बीच में विद्वेष की गहरी रेखा खींचना एक मात्र लक्ष्य है। उन्होंने केन्द्र सरकार का ध्यान इस तरफ आकर्षित कराते हुए कहा कि अलीगढ़ विश्वविद्यालय के कुलपति को अविलंब राशि विमुक्त करके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किशनगंज में सौंपी गई 243.75 एकड़ भूमि की घेराबंदी करानी चाहिए। इस मौके पर जदयू के निवर्तमान जिलाध्यक्ष प्रो. बुलन्द अख्तर हाशमी, प्रो. जमील, जदयू नेता सह जिप पार्षद शकील अख्तर राही, मुखिया संघ किशनगंज के अध्यक्ष सह जदयू नेता इलियास रहमानी सहित दर्जनों जदयू के नेता इस मौके पर मौजूद थे।

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