Wednesday, September 2, 2009

अक्षर आंचल योजना का प्रशिक्षण, शिक्षक जिम्मेवार: आलम

निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने हेतु मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना चलाने का निर्णय लिया गया है। जिसकी जिम्मेवारी शिक्षकों को सौंपी गई है। बीस निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए प्रति शिक्षक को दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। संकुल स्तर पर आयोजित किए जा रहे इन प्रशिक्षण शिविर में पचास-पचास शिक्षकों का बैच बनाया गया है। इसी क्रम में प्रखंड के गंधर्वडांगा संकुल केन्द्र में भी शिविर का आयोजन किया गया जिसका समापन मंगलवार को हुआ।
इस शिविर में कुल 101 शिक्षक सह अक्षर दूतों को प्रशिक्षित किया गया। बतौर प्रशिक्षक के.आर.पी. मो. असलम व राजेश्वरी कुमारी ने बताया कि शिक्षकों को ही अक्षर दूत बनाने का फैसला काफी सोच समझकर लिया गया है। जिसका मूल कारण शिक्षकों को उनके पोषक क्षेत्र की समुचित जानकारी होना है। प्रशिक्षण के दौरान संकुल समन्वयक दिलीप नारायण सिंह ने भी प्रशिक्षकों की खासी सहायता की। श्री आलम ने बताया कि प्रखंड के तुलसिया, टप्पू, दिघलबैंक, जरझुल्ला संकुल केन्द्रों में भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा चुके हैं तथा पत्थरघट्टी संकुल केन्द्र में आज आयोजित किया जाएगा ।

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