सीमा पर तैनात एसएसबी 36 वीं बटालियन के जवानों ने सोमवार को दस हजार के जाली नोट के साथ दो देश दोहियों को गिरफ्तार करने के बाद भी कोई राज नही उगलवा सकी है। एसएसबी के 36 वीं बटालियन के पदाधिकारी कमांडेंट आर। के। थापा ने बताया कि वे लोग देश द्रोहियों से कोई भी राज उगलवाने के लिए विशेष रुप से कुछ नही कर सकते। एक निश्चित समय सीमा तय होने के कारण 14 सितम्बर को दिन में साढ़े बारह बजे दस हजार जाली नोट के साथ गिरफ्तार दोनो तस्करों को जीआरपी को उसी दिन शाम को सौंप दिया गया है।
गौरतलब है कि एसएसबी ने 14 सितम्बर को दावा किया था कि दोनों तस्करों से इस धंधे से जुड़े विशेष चेहरों को बेनकाब होने की उम्मीद है। इससे पहले एसएसबी के सूत्रों ने गिरफ्तार जाली नोट के तस्कर मो। आलम, निवासी बस्ती, इस्लामपुर एवं दूसरा कुद्दुस आलम पिता दसतम अली निवासी पाची, इस्लामपुर के हवाले से जानकारी दी थी कि वे लोग मालदा से जिस व्यक्ति से नकली नोट प्राप्त किया था ,उसके विषय में कोई जानकारी उन्हें नही है।
दोनों तस्कर इस्लाम से मालदा जिला मुख्यालय कैसे पहुंचें, इसका भी राज एसएसबी के पास नही है। इधर पुलिस अधीक्षक चौररिया सी.एस. आजाद ने जागरण को जानकारी दी कि दोनों तस्करों को रेलवे परिसर की सीमा में गिरफ्तार किया गया था जिसके कारण पुलिस के हवाले उन्हें नही किया गया और न ही पुलिस को दोनों तस्करों से पूछताछ करने दिया गया। उन्होंने बताया कि गलगलिया थाना पुलिस को गलगलिया हाट में दोनों तस्करों के नेटवर्क की जानकारी करने का निर्देश दिया गया है।
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