Wednesday, September 16, 2009

पीएम सड़क योजना में प्रशासन का नहीं है नियंत्रण : विधायक

किशनगंज जिला में निर्माणाधीन प्रधानमंत्री ग्राम सड़कों के प्राक्कलन में प्रावधानों की अनदेखी की जा रही है। सड़क की ढलाई में लोकल बालू का प्रयोग किया जा रहा है, बालू सीमेंट और गिट्टी अनुपाति मिश्रण प्राक्कलन के विरुद्ध है। निर्माण कार्य में अनावश्यक देरी की जा रही है। इन सभी अनियमितता के बावजूद एनबीसीसी के पदाधिकारी चुप हैं और जिला प्रशासन भी । सड़क का पूरा काम विभागीय एवं प्रोजेक्ट के अभियंता की अनुपस्थिति में केवल मुुंशी और लेबर द्वारा किया जा रहा है। यह बातें स्थानीय विधायक अख्तरूल ईमान ने कहीं।

श्री ईमान ने कहा कि कोचाधामन प्रखंड में निर्माणाधीन सड़क रहमतपाड़ा से शाहनगरा का निर्माण विगत दो वर्षो से किया जा रहा है किंतु अबतक पूर्ण नहीं हो रहा है। एनबीसीसी के प्रावधान के अनुसार यदि ठेकेदार निर्माण में देरी करता है तो उसे प्रत्येक दिन के हिसाब से जुरमाना किया जाएगा। मगर आम जनता को ठेकेदार पर जु़र्माना से क्या मतलब। श्री ईमान ने कहा कि रहमतपाड़ा शाहनगरा सड़क के मामले में मुख्यमंत्री महोदय को एक वर्ष पूर्व आवेदन दिया गया था।

राज्य के शीर्ष सचिव पथ निर्माण विभाग आर।के. सिंह एवं अन्य पदाधिकारियों द्वारा जांच कराई गई मगर नतीजा वहीं ढाक के तीन पाता, ऐसे में जन आंदोलन के अलावा कोई उपाय नहीं है। वही एनबीसीसी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने कहा कि शिकायतों को पर कार्रवाई की जा रही है। ठेकेदार का कहना है कि जिस दिन से सड़क बनना शुरू हुई,उसी दिन से निर्माण कार्य में जांच के बहाने लगातार अडं़गा डाला जा रहा है। वह सड़क गांवों को जोड़ने के लिए बनी है और उस पर वे ट्रकें चल रही है जो फोर लेन पर भी नही चल सकती।

उन्होंने कहा कि ठेकेदार के इस तथ्य को भी विधायक गणों को ध्यान में रखना चाहिए। ठेकदार अगर दोषी है तो उस पर भारी वाहन लेकर चल ट्रक चालक और बीच-बीच में विरोध करके कार्य को ठप करने वाले लोग भी जिम्मेवार हैं।

No comments:

Post a Comment