Wednesday, September 9, 2009

समाहरणालय के सामने सेवानिवृत्त कर्मियों ने दिया धरना

सरकार इस तथ्य से अवगत है कि भारत सरकार के निर्णय के आलोक में अखिल भारतीय सेवा या भारतीय आरक्षी सेवा या भारतीय वन सेवा के जो पेंशन भोगी बिहार सरकार की सेवा में थे, उन्हें जनवरी 06 से पुनरीक्षित दर से पेंशन के वास्तविक देय लाभ के भुगतान की शुरूआत सितम्बर, अक्टूबर 08 से कर दी गई लेकिन पेंशनरों का असीमा दुर्भाग्य है कि उन्हें पुनरीक्षित पेंशन तथा अतिरिक्त महंगाई के देय लाभ से अबतक वंचित रखा गया है। यह जानकारी जिला पेंशनर समाज के सदस्यों ने दी। वे लोग स्थानीय समाहरणालय के सामने मंगलवार को धरना के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

इस दौरान जिला पेंशनर समाज के अध्यक्ष क्षितीज चन्द्र घोष और सचिव सीतेश कुमार मल्लिक, कोषाध्यक्ष ऋषिकेश चक्रवर्ती, सियाशरण मंडल, जगदीश झा, शीतल प्रसाद शर्मा, श्याम सुन्दर प्रमाणिक, कलीम उद्दीन, महमूद आलम, मो. जिया, विकास प्रसाद के साथ मौजूद दर्जनों सेवा निवृत्त कर्मियों ने भारी क्षोभ जताते हुए बताया कि देश के अन्दर प्राय: सभी राज्यों ने पेंशन भोगियों को देय लाभ की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस आलोक में बिहार सरकार की ओर से विधान पार्षद के माध्यम से 02 जुलाई 09 को आश्वासन दिया गया था कि पेंशनरों के पुनरीक्षित पेंशन के बारे में निर्णय 15 दिनों के अंदर ले लिया जायेगा और पुन: 17 जुलाई 09 को विधान परिषद में आश्वासन दिया गया कि पेंशनरों को दिये जाने वाले देय लाभ के बारे में राज्य सरकार जुलाई 09 के अंत तक अपना निर्णय ले लेगी, जो आज भी अधर में है। साथ ही वेदना के साथ भारी गले से जानकारी दी कि सितम्बर 08 से जुलाई 09 के बीच बिहार पेंशनर समाज के 510 पेंशनर पुनरीक्षित पेंशन की आशा में दिवंगत हो चुके हैं।

No comments:

Post a Comment