Wednesday, September 9, 2009

जन शिक्षण संस्थान ने लाई मौन क्रांति, महिलाओं की बढ़ी रूचि

तकनीकी शिक्षा में महिलाओं की अभिरुचि तेजी से बढ़ रही है। अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर डीएम फेराक अहमद की गरिमामयी मौजूदगी में सांसद मौलाना असरारुल हक काशमी और शिक्षा के क्षेत्र में पद्म श्री सम्मान से विभूषित डा। सर सैयद के द्वारा 362 छात्राओं-महिलाओं को विभिन्न ट्रेड का प्रशिक्षण सर्टीफिकेट वितरित करते समय स्थानीय जन शिक्षण संस्थान लहरा चौक में यह साफ दिखाई पड़ा। इस अवसर पर डीएम से फेराक ने महिलाओं की बढ़ती रूचि पर खुशी का इजहार करते संस्था की उत्तरोत्तर प्रगति और प्रशिक्षित महिलाओं व छात्राओं के सुनहरे भविष्य की कामना की ।

इससे पहले जन शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष अनुसार आलम ने आमंत्रित अतिथि-गण व मौजूद सैकड़ों महिलाओं को जानकारी दी कि जन शिक्षण संस्थान किशनगंज द्वारा सिलाई, सीसीए, मोबाइल रिपेयरिंग, मेंहदी, कढ़ाई, ब्यूटिशियन आदि 15 ट्रेडो में 362 छात्राओं-महिलाओं को प्रशिक्षण देने के बाद प्रशिक्षण सर्टीफिकेट बांटने के लिए आज का महान दिन अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस का चयन किया
है ।साथ ही उन्होंने कहा कि कुल 25 ट्रेड़ों में 15 सौ छात्राओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा।
गौरतलब है कि आज एससी 25, एसटी, 03, ओबीसी 131, अल्पसंख्यक 162 और सामान्य कोटि की 41 महिलाओं को सर्टीफिकेट वितरित किया गया । इससे पहले स्थानीय सांसद श्री हक ने इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जन शिक्षण संस्थान के माध्यम से भारत सरकार 1962 से महिलाओं व छात्राओं को औपचारिक शुल्क लेकर तकनीकी शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान किया है। बिहार प्रदेश में सात जन शिक्षण संस्थान पहले से चले रहे थे और 2009 में और तीन नये संस्थानों की स्वीकृति मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दिया जिसमें जन शिक्षण संस्थान किशनगंज भी एक हैं।
केन्द्र सरकार ने तकनीकी शिक्षा को विधिवत चलाने के लिए समस्त साधनों के अलावा एक चार पहिया वाहन भी जन शिक्षण संस्थान के मदर संस्था मिल्ली इजूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष को प्रदान किया जिसमें आधी राशि संस्था द्वारा निवेश की गई है। इससे पहले उन्होंने भी संस्था के विकास और प्रशिक्षित महिलाओं को आशीर्वचन दिया और कहा कि तकनीक से दक्ष महिलाएं जिले में क्रांति लाएगी ।

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