Thursday, June 11, 2009

सम्राट अशोक के काल में प्रत्येक घर था धार्मिक शिक्षा का केन्द्र

स्थानीय सांसद मौलाना असरारुल हक काशमी ने मदरसा शिक्षा की नीत में परिवर्तन की जानकारी देते हुए कहा कि इतिहास भविष्य का आइना है। प्रसिद्ध इतिहासकार वि। स्मिथ का मत है कि अशोक काल में कुटुम्ब और परिवार ही धर्म के प्रमुख शिक्षालय थे। शिक्षा का औसत प्रतिशत ब्रिटिस राज्य से उस समय बढ़कर था। उस काल में लोगों का गृहस्थ जीवन और नागरिक संबंध अच्छे थे। माता-पिता की सेवा, मन का संयम और अतिथि सत्कार की होड़ थी ।

प्रमुख दिघलबैंक इम्तियाज आलम के हवाले से सांसद श्री हक ने बताया कि आज 21 वीं सदी में घनिष्ठ नागरिक संबंधों का स्वार्थपूर्ण राजनीति के चलते पतन हो गया है। पड़ोसी -पड़ोसी गहरा तनाव है। इस बीज को नेता ही डाले थे और उन्हें ही नागरिक संबंध मजबूत बनाने के लिए उपाय खोजने होंगे।

इससे पहले किशनगंज के 240 मदरसों के कायाकल्प हो जाने की जानकारी देते हुए खुशी जताई कि कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने मदरसों में व्यवसायिक शिक्षा के साथ धार्मिक शिक्षा में हस्ताक्षेप नही करने की बात कहकर ऐतिहासिक निर्णय लिया हैं। यह निर्णय एक दिन नागरिक संबंधों को मजबूती प्रदान करेंगे और समाज सुशिक्षित होगा।

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