Tuesday, June 9, 2009

भूमिहीन स्कूलों को जमीन उपलब्ध कराने की चुनौती

प्रखंड के क्षेत्र में भवनहीन व भूमिहीन कुल 15 विद्यालयों के लिए जमीन अधिग्रहण करने में शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों रूचि लेन मुनासिब ही नहीं समझते है। चालू वित्तीय वर्ष में इन विद्यालयों को जमीन उपलब्ध कराने की चुनौती है। कई जगहों में भूमि दानकर्ता समाने आने के बावजूद टेकनिकल प्रोबलेम सामने खड़ा हो जाता है।

जैसे लौहागाड़ा पंचायत के नव सृजित प्राथमिक विद्यालय वृंदावन और लक्ष्मीपुर पंचायत के नव सृजित प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मीपुर आदिवासी टोला के भूमि दानकर्ता तैयार है लेकिन बिहार सरकार, सिलिंग की जमीन होने के कारण शिक्षा विभाग तैयार नहीं हो रहे है। परिणाम स्वरूप शिक्षा सरकार की मंशा है गरीब आदिवासी छात्र-छात्राएं स्कूल से जुड़े । लेकिन भवन व उपस्कर नहीं होने के कारण चट्टी बिछाकर पढ़ने को विवश है। जबकि बारिश के दिनों में छात्रों के साथ-साथ शिक्षक भी भींगते है।

भले मडेया, टीना सेट कामचलाउ फिलहाल बना दिया गया है पर बरसात के दिनों में यह उपयुक्त नहीं है। परिणाम स्वरूप बरसात के दिन में पठन-पठन बाधित रहती है। लक्ष्मीपुर पंचायत के मुखिया अखिलेसूर रहमान, लौहागाड़ा पंचायत के मुखिया बहार अली, सरपंच विपीन मोहन यादव इस दिशा में पहल भी किया था। लेकिन आदिवासी टोला में विद्यालय होने के कारण, भूमि दानकर्ता के पास सिलिंग, बासकीत पर्चा, बिहार सरकार की जमीन होने के कारण शिक्षा विभाग के पदाधिकारी अधिग्रहण करने में आना-कानी कर रहे है।

विद्यालय खोल दो वर्ष होने को है मगर इन स्कूलों की तस्वीर नहीं बदली। इस संबंध में शिक्षा विभाग के पदाधिकारी ने माना कि अभी भी 15 ऐसे नवसृचित प्राथमिक विद्यालय है, जहां भवन और भूमि उपलब्ध नहीं हो सका है। उन्होंने बताया कि पांच विद्यालयों के भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा होने को है।

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