Tuesday, June 9, 2009

आदेश की अवहेलना : शिक्षकों का प्रतिनियोजन जारी

शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति रद्द करने के जिला पदाधिकारी के स्पष्ट आदेश के बावजूद प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों के लगभग एक दर्जन शिक्षक अभी भी विभिन्न जगहों पर प्रतिनियुक्त हैं और तो और जिला शिक्षा अधीक्षक ने इस आशय का पत्र भी सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को भेजकर जिला पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में जिले में सभी प्रतिनियोजन शिक्षकों का प्रतिनियोजन तुरंत रद्द करने का निर्देश भी दिया।
पत्रांक बीईपी 653 दिनांक 9।1।09 के जरिए दिये गये इस आदेश के बाद 1 मार्च 09 को सिविल एसडीओ के समक्ष भी डीएसई रविन्द्र शर्मा द्वारा एक शिक्षक के प्रतिनियोजन नहीं होने के दावा के तीन माह गुजर गये अभी भी प्रखंड के इस शिक्षक विभिन्न जगहों पर प्रतिनियुक्त हैं। पिछले कई वर्षो से जारी प्रतिनियोजन के इसे खेल पर पूरा प्रशासनिक महकमा परीचित है परंतु कहीं से भी कोई कारगार कदम नहीं उठाना कई सवाल खड़े करता है। सूत्रों के अनुसार प्राथमिक विद्यालय कटहलडांगी के शिक्षक फतहुल वारी तीन वर्ष पूर्व 2006 से ही शिक्षक नियोजन के आवेदन लेने हेतु बीईओ कार्यालय में प्रतिनियोजन किए गए थे। वे अभी भी वहीं जमे हैं। वहीं मध्य विद्यालय जीरनगच्छ के एक शिक्षक करुण कुमार प्रखंड निर्वाचन कार्यालय में तो दूसरे मो। इलियास डीएससी कार्यालय में प्रतिनियुक्त हैं तो नगर पंचायत के ही लोधाबाड़ी की शिक्षिक मिनाक्षी कुमारी 30 अगस्त 08 से ही मध्य विद्यालय खगड़ा में प्रतिनियुक्त हैं।
जिला शिक्षा अधीक्षक के ज्ञापांक 1544 दिनांक 30.8.08 के आदेशानुसार प्रतिनियोजन रद्द करने के लिए विद्यालय के प्रधान शिक्षक ने 20 जनवरी को ही प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को आवेदन दिया था परंतु कागजों के ढेर में यह दब गया। वहीं पौआखाली मध्य विद्यालय के निरोध सिन्हा वर्षो से प्रखंड शिक्षा कार्यालय में प्रतिनियोजन का सुख भोग रहे हैं। और तो और यह सब तब है जब बिहार सरकार द्वारा 10 फरवरी 09 को पटना में आयोजित बैठक में सभी डीएससी को किसी भी नए नियोजित शिक्षक को प्रतिनियोजन नहीं करने का आदेश दिया गया था। उसके बावजूद प्रखंड में धड़ल्ले से जारी प्रतिनियोजन डीएससी कार्यालय में व्याप्त ्रष्टाचार की तरफ इशारा करता है।

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