पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा वर्ष में सब्सिडी युक्त मात्र छह सिलेंडर की बात सुनते ही लोगों में आक्रोश गहराने लगा है। वर्तमान में प्रतिमाह मिल रहे एक सिलेंडर से लोग परेशान है। पेट्रोलियम मंत्रालय की यह नई कवायद लोगों के गले नहीं उतर रही है। सनद रहे कि पेट्रोलियम कम्पनियों को कीमत निर्धारण करने में आजादी देने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय ने रसोई गैस में सब्सिडी कम करने के लिए उपभोक्ताओं को साल में सब्सिडी युक्त छह सिलेंडर देने पर विचार कर रही है।
उपभोक्ताओं को छह एलपीजी से ज्यादा चाहिए तो उन्हे खुले बाजार के मूल्य का भुगतान गैस एजेंसी को करना पड़ेगा। हालांकि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों पर यह नियम लागू नहीं होगा। टेढ़ागाछ निस के अनुसार सब्सिडी समाप्त करने देने से गैस सिलेण्डर की उपलब्धता सामान्य हो जाएगी, जरुरत के मुताबिक लोगों को गैस मिलने लगेगी। वहीं गरीबों की प्रतिक्रिया है कि वे लोग तो आज भी चूल्हा पर गैस बनाते है। उनके नाम पर बड़े लोग ही गैस सिलेण्डर का उपयोग करेगे। आंगनबाड़ी और इन्दिरा आवास की तरह यह सुविधा भी बड़े लोगों की ही मिलेगी।
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