न्यायिक कार्यो से जूड़े जनप्रतिनिधियों ने यदि पूरी निष्ठा एवं सजगता से अपने अपने कर्त्तव्य का निर्वहण किया तो ग्रामीणों को न्यायिक समस्याओं के समाधान के लिए अब शहरी कचहरियों का चक्कर नहीं लगाना होगा,उनकी लगभग सारी समस्याओं का समाधान ग्राम कचहरियों में ही हो जायेगा। ये अल्फाज है डीएम फेराक अहमद के। श्री अहमद 05 जुलाई को स्थानीय टाउन हाल में आयोजित ग्राम कचहरी पंच सरपंच न्यायमित्र क्षमता निर्माण कार्यशाला के अवसर पर जनप्रतिनिधियों को सम्बोधित कर हरे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ग्राम कचहरियों को दंडित एवं सिविल दोनो प्रकार के अधिकार प्रदान किए गए है। कार्यशाला में उपस्थित जिले के पुलिस कप्तान रामनारायण सिंह ने बताया कि पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत गाम कचहरियों को भादवि की लगभग 70 धाराओं के अंतर्गत दांडिक अधिकार दिए गए है। उन्होंने बताया कि लगभग 70 धाराओं के अंतर्गत ग्राम कचहरियों का अधिकार प्रदान किया गया है। उन धाराओं में प्रमुख है 140, 142, 143, 145, 147, 153, 160, 172, 174, 178, 179, 269, 277, 384, 285, 286, 289, 290, 294, 332, 334, 336, 341, 352, 356, 357, 374, 402, 426, 428, 430, 447, 448, 502, 504, 510 आदि। इस अवसर पर विधायक अख्तरूल ईमान एवं गोपाल कुमार अग्रवाल ने भी अपने अपने सम्बोधन में कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला तथा स्पष्ट शब्दों में कहा कि मात्र नीति एवं नीतियों से सुशासन की व्यवस्था संभव नहीं है और न पंचायती राज व्यवस्था का सफल संचालन है, इसके लिए नीयत सच्ची हो, यह महत्वपूर्ण है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को उद्बोधित करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों को भौतिक लाभों से ऊपर उठकर एवं पूरी निष्ठा के साथ काम करना होगा, तभी पंचायती राज व्यवस्था से ग्रामीण लाभान्वित हो सकेंगे। इस अवसर पर जिन अन्य लोगों ने इस कार्यशाला में पंचायत जनप्रतिनिधियों को सम्बोधित किया उनमें प्रमुख है उपविकास आयुक्त ललन जी, अनुमंडल पदाधिकारी खुर्शीद आलम, अनुमंडल आरक्षी पदाधिकारी कामिनी बाला, अपर समाहर्ता श्याम कुमार सिंह, वरीय अधिवक्तागण जी.पी. एवं पी.पी.।
Monday, July 6, 2009
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