Friday, July 17, 2009

कुलपति ने किया महिला छात्रावास का शिलान्यास

बिहार के छात्र छात्राओं में अध्ययन हेतु कालेज जाने के प्रति जो उदासीनता बनी हुई है उसके लिए छात्र ही नहीं बल्कि शिक्षक एवं अभिभावक दोनो दोषी है। दोनों की मनोवृत्ति में सुधार आवश्यक है। ये अल्फाज है बी।एन। मंडल विश्व विद्यालय के कुलपति डा. आर.पी. श्रीवास्तव के। डा. श्रीवास्तव 15 जुलाई को मारवाड़ी कालेज परिसर में यूजीसी द्वारा प्रदत्त पचास लाख की राशि से निर्मित होने वाले महिला छात्रावास का शिलान्यास करने के बाद आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम की समाप्ति पर छात्र -छात्राओं, शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं अभिभावकों को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि कालेज के छात्राओं के लिए अपने अपने कक्षाओं में 75 प्रतिशत की उपस्थिति अनिवार्य होगी अन्यथा वे फाइनल परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा जो कदम उठाये जा रहे है उसके कारण कालेजों में फिर से जिन्दगी आयेगी एवं बिहार के छात्र अपने को बिहारी कहने में गर्व महसूस करेगे। इसी अवसर पर उन्होंने कालेज के मेधावी छात्र छात्राओं एवं एन।एस।एस के प्रतिभागी छात्र छात्राओं को पुरस्कृत किया।

इसी अवसर पर ख्यात शिक्षाविद् डा। प्रोफेसर कविता वर्मा ने भी अपने सम्बोधन के माध्यम से छात्र छात्राओं को अनुपम सीख दी। मंच संचालन प्रो। मंसूर आलम ने किया तो धन्यवाद ज्ञापन डा. हरिकांत प्रसाद सिंह ने। प्रारंभ में कालेज के प्रधानाचार्य ने डा. श्रीवास्तव एवं डा. श्रीमती वर्मा का अभिनंदन किया एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रधानाचार्य डा. अंजार आलम ने की। एन.एस.एस के प्रतिभागियों एवं उनके पदाधिकारी प्रो. सजल प्रसाद ने अपनी अपने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां से दर्शकों का मन मोहा।

इससे पहले कुलपति डा। आर।पी. श्रीवास्तव ने बताया कि कालेज एवं विश्व विद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षकों के बकाये का शीघ्र भुगतान उनके भुगतान के लिए बिहार सरकार ने यद्यपि कि पूरे बिहार के लिए दो सौ करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है लेकिन तत्काल बी.एन.मंडल विश्व विद्यालय को इस मद में सात करोड़ रुपये का आवंटन प्रदान किया है लेकिन बकाये का भुगतान अंकेक्षण दल द्वारा हरी झंडी मिल जाने के बाद ही होगा।

पत्रकारों द्वारा एक सवाल के जवाब में उन्होंने माना कि कालेजों में शिक्षकों की घोर कमी है लेकिन पत्रकारों को विश्वास दिलाया कि शीघ्र ही सभी महाविद्यालयों के सभी विभागों में कम से कम एक शिक्षक का पदस्थापना हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कुलपति ही ट्रांसफर एवं पदस्थापन किया करते थे लेकिन अब इसके लिए एक समिति का गठन कर दिया गया है जिसमें कुलाधिपति द्वारा एक नामित व्यक्ति की भागीदारी अनिवार्य है।

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