जिले में निजी वाहनों का व्यावसायिक उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। परिवहन विभाग कार्रवाई के नाम पर लीपापोती कर रही है। निजी वाहन सूमो, बोलेरो, क्वालिस, सफारी, स्कार्पियों जैसे वाहनों का व्यावसायिक वाहन के रूप में इस्तेमाल कर रहे है। मजे की बात यह है कि अधिकांश गाड़ी सरकारी पदाधिकारी या फिर एजेंसियों के दफ्तरों में चलता है। ऊंचे रसूख वाले वाहन मालिक सरकारी दफ्तरों में या फिर एजेंसियों में भाड़े में लगाये हुए और इससे महीने में मोटी रकम भाड़े के रूप में वसूलते है।
इससे सरकार को महीने में लाखों का चूना लगाया जाता है। इस प्रकार की शिकायतों पर जिला पदाधिकारी फेराक अहमद ने कड़े कदम उठाते हुए डीटीओ को निजी और केन्द्रीय एजेंसियों में उपयोग किए जा रहे वाहनों का ब्योरा लेकर जुर्माना वसूलने का आदेश दिया गया है। साथ ही पदाधिकारियों व एजेंसियों को सिर्फ व्यावसायिक वाहनों के ही उपयोग करने का निर्देश जारी किया गया है। मजे की बात यह है कि कई निजी वाहन मालिकों व पदाधिकारियों पर कागजिया कार्रवाई भी हुई।
लेकिन परिणाम सिफर निकला। इससे निजी वाहन मालिकों व वाहन का उपयोग करने वाले पदाधिकारी का हौसला बुलंद है। जिला परिवहन पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी खुर्शीद आलम ने एमवीआई और प्रवर्तन पदाधिकारी को ऐसे वाहनों को पकड़ने का निर्देश देते हुए कहा कि अवैध रूप से वाहन चलाने वाले मालिकों पर होगी कार्रवाई। एक सवाल के जवाब में उन्होंने माना कि जिले में निजी वाहन व्यावसायिक वाहन के रूप में चल रहे है।
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