Monday, July 20, 2009

सीमा शस्त्र बल के खिलाफ रची जा रही साजिश

गत दिनों से सीमा सशस्त्र बल (एसएसबी) के खिलाफ स्थानीय जन प्रतिनिधियों के बयानों की तीव्र निंदा करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक गुप्ता ने कहा कि सेना के जवान देश के गौरव हैं। श्री गुप्त ने कहा कि जब से भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी के जवानों की तैनाती के कारण सीमावर्ती क्षेत्र में जाली नोट, हथियार, मादक पदार्थ, मानव तस्करी एवं मवेशी तस्करी पर अंकुश लगा है। एसएसबी जवानों द्वारा दर्जनों जाली नोट,मवेशी व हथियार तस्करों को गिरफ्तार कर सबको चौंका दिया।

खासकर हेरोइन माफियों का नींद हराम हो गया। खुले भारत-नेपाल सीमा का लाभ उठाकर संदिग्ध राष्ट्रविरोधी तत्वों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में कई घटनाओं को अंजाम दिया है। जैसे पीलर के साथ छेड़-छाड़, भारतीय भूमि पर माओवादियों द्वारा झंडा गाड़ना, पीलर को बमों से क्षतिग्रस्त करना आदि शामिल है। एसएसबी के तैनाती के बाद इसप्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगा है और राष्ट्रविरोधी एवं देश को तोड़ने वाले ताकतों को काफी कठिानाई हो रही है।

श्री गुप्ता ने बताया कि दिघलबैंक के मोहनमारी की घटना सुनियोजित घटना है। एसएसबी के जवानों के मनोबल को तोड़ने के लिए मनगढंत आरोप लगाया जा रहा है। तस्करों के पकड़ने के क्रम में जवानों को बंधक बनाना और फिर उसके साथ मारपीट कर झूठे वाद दायार करना घोर निंदनीय कार्य है। इसकी जितनी भी भ‌र्त्सना की जाए व कम है। श्री गुप्त ने बताया कि आखिर मोहनमारी में ही एसएसबी के साथ मुठभेड़ क्यों होता है? श्री गुप्ता ने बताया कि सबसे अधिक खाद की खपत सीमावर्ती प्रखंड क्षेत्र में होता है। यह भी अपने आप में एक सवाल है।

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