नदियों में जल का प्रवाह और वेग दस वर्ष पहले जितना था, उतना अब नही है। पांच दशक पहले नदियों का पाट जितना था,आज उससे पांच गुना अधिक पाट है। इस कारण का निदान करके बूढ़ी कनकई और रेतुआ नदी पर कम लागत में भी पुल का निर्माण किया जा सकता है और कटाव के कारण नदी के गर्भ समा गई कृषि योग्य भूमि की रक्षा भी । लेकिन इस मुद्दे पर न तो क्षेत्रीय प्रतिनिधि सोच रहे हैं और न ही इंजीनियर। यह बात लोधाबाड़ी पुल पर संपर्क पथ बन जाने का इंतजार कर रहे ग्रामीण और जिला परिषद के सदस्य इफ्तखार आलम ने कही। ग्रामीणों का कहना है कि आज पांच दशक पहले कई गुणा अधिक बरसात होती थी और टेढ़ागाछ प्रखंड में प्रचंड वेग से बारह मास तक रेतुआ और कनकई नदी बहा करती थी, लेकिन उसका पाट आज से पांच गुणा कम था। उदाहरण दिया कि लोधाबाड़ी घाट पर नौ वर्ष पहले तक जब तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री सह किशनगंज के सांसद सैयद शाहनवाज ने लौधाबाड़ी घाट पर स्कू पाइल पुल का उद्घाटन किया था तब भी रेतुआ नदी का पाट आज तीन गुना कम था। ढबेली ग्राम निवासी फरहत हुसैन ने बताया कि रेतुआ नदी के तट की बढ़ती चौड़ाई का कारण ही लौधाबाड़ी पुल का संपर्क पथ बह गया और यातायात की सुविधा समाप्त हो गयी। उन्होंने सुझाव दिया कि लौधाबाड़ी पुल के नीचे से लेकर एक किलोमीटर पहले तक सदियों से जमा गाद को उसके गर्भ से निकालकर रेतुआ नदी की धार को पूर्व स्थान पर लाया जा सकता है। निकाले गए गाद से एक किलोमीटर तक नदी के दोनो तरफ बांध और पुल क संपर्क पथ ,नदी की गहराई यथावत हो जाएगी । उसके बाद जितनी दूरी तक गाद निकाला गया है, उतनी दूरी तक बने बांध पर बोल्डर तथा नदी पर ड्रेन बना दिया जाए, पुल पर से आवागमन चालू हो जाएगा, कटाव में समा गई सैकड़ों कृषि योग्य भू्मि पर खेती होने लगेगी, ड्रेन से गर्मी तथा अन्य मौसम मे अगल-बगल के खेतों की सिंचाई होगी और नया पुल बनाने में जो 15 करोड़ रुपए खर्च आएगा, उसके आधे से भी कम राशि में लगेगी । ग्रामीणों के इस प्रस्ताव के सन्दर्भ में जल निस्सरण विभाग के कार्यपालक अभियंता राजीव नयन प्रसाद ने बताया कि नदी के गर्भ से गाद को निकालकर उसकी धारा व गहराई को पूर्ववत किया जा सकता है। पुल से पहले तीन ड्रेन और बांध पर बोल्डर बिछाकर कटाव पर अंकुश लगाया जा सकता है। महानदंा बेसिन योजना के अन्तर्गतं मेंची नदी पर 43 किलोमीटर तटबंध व कई ड्रेन का प्रस्ताव बनाकर केन्द्र सरकार के पास भेजा गया है। रेतुआ नदी पर लौधाबाड़ी घाट पर लौधाबाड़ी पुल से एक किलोमीटर पहले तक बांध, ड्रेन व सड़क का प्राक्कलन अगर बनाने का आदेश अलग से आता है,तो वह भी बनाकर दे दिया जा सकता है । गौरतलब है कि एनबीसीसी द्वारा मटियारी घाट पर तीस करोड़ रुपए में 400 मीटर पुल का इस्टीमेट बनाया गया है, वहीं लौधाबाड़ी घाट पर दो सौ मीटर लम्बा पुल की जानकारी ऊपर भेजी गई।
Thursday, July 2, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment