सीमावर्ती क्षेत्र में अमरुद के खेती के लिए असीम संभावनाएं हैं। इसकी खेती कर किसान लाखों कमा सकते हैं। इस बात को सुब्रत गुप्ता उर्फ टमटम ने साबित कर दिया है। नगर पंचायत के वार्ड नम्बर एक के निवासी टमटम पावन हाउस के निकट लगभग बारह एकड़ में अमरुद की खेती विगत वर्ष शुरू किये थे। उन्होंने बताया कि अमरुद का पौधा छत्तीस परगना से उन्होंने मंगाया था। पौधा पहले साल से ही फल देना शुरू कर दिया एवं साल में दो बार फल देता है। बताया कि पिछले वर्ष इस खेती से चार लाख रुपए मुनाफा हुआ था , जो इस वर्ष दुगुना होने की संभावना है।
श्री गुप्ता ने बताया कि ठाकुरगंज में पटुआ, केला एवं चायपत्ती के खेती के लिए ही जाना जाता है। पर इस क्षेत्र की मिट्टी अमरुद के खेती के लिए काफी उपर्युक्त है एवं पटुआ, केला एवं चायपत्ती के ख्ेाती मेहनत के साथ इस फसल के देखरेख पर खर्च कम आता है । उन्होंने बताया कि अधिक उत्पादन के लिए एक एकड़ में 250 से तीन सौ अमरुद का पौधा लगाया जा सकता है। एक पौधे से एक साल में पचास से साठ किलो अमरुद के फल मिलते हैं जिसका सिलीगुड़ी बाजार में मूल्य इस समय पन्द्रह से 25 रुपए प्रति किलो है।
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