भारत-नेपाल के खुली सीमा पर माओवादी गतिविधियां परवान पर है। इस खुलासा से एसएसबी सेक्टर हेड क्वार्टर रानीडांगा, पुलिस उप महानिरीक्षक पूर्णिया तथा सीमा पर तैनात खुफिया विभाग के माथे पर बल पड़ गया हैं। एसएसबी सेक्टर हेड क्वार्टर रानीडांगा के डीआईजी बी।बी।जोशी ने स्वीकार किया है कि बिहार के माओवादियों का सांठ-गांठ नेपाली माओवादियों से है। उन्होंने कहा कि नेपाल के जंगली व पहाड़ी क्षेत्रों में 25 भारत विरोधी आतंकी शिविर चल रहे हैं इस शिविरों में बिहार बंगाल तथा बांग्लादेश के कई आतंकी संगठनों का सांठ-गांठ होने की सूचनाएं भी है। इसके मद्देनजर सीमा पर तैनात सभी आउट पोस्ट को चौकसी के निर्देश दिये गये हैं।
खुली सीमा के प्रत्येक साढे़ तीन किमी दूरी पर आउट पोस्ट का निर्माण करवाया गया है। तस्करी के धंधे में किसी भी अधिकारी या जवानों की संलिप्तता की शिकायत प्रमाणित होने पर उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी। डीआईजी जोशी ने कहा कि पिछले एक वर्षो में एसएसबी ने एक करोड़ रुपये मूल्य की तस्करी वस्तुएं, मादक पदार्थ, विस्फोटक तथा आग्नेयशास्त्र बरामद किया है। ठीक इसके विपरीत सीमा पर तैनात केन्द्रीय खुफिया विभाग ने गृह मंत्रालय की सीमा पर खुलेआम तस्करी, तस्करी के आड़ में तेज हो रही राष्ट्र विरोधी गतिविधियों तथा डीआईजी पूर्णिया के निर्देशों का खुलेआम धज्जियां उड़ाने की बात कहीं है।
रिपोर्ट में उल्लेख है कि पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर, चोपड़ा तथा बिहार के किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, बहादुरगंज के कई कुख्यात अपराधी तस्करी के सिन्डीकेटों से मिले हुए है। तस्करी के आड़ में माओवादियों तक आग्नेयशास्त्र व विस्फोटक पहुंचाना मुख्य उद्देश्य है। सीमावर्ती थानों तथा विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों को इन तस्करों द्वारा 3 लाख 67 हजार रुपये बतौर लाईन दिया जाता है। राजनीति व प्रशासनिक संरक्षण के कारण तस्करों द्वारा खुलेआम दिन दहाड़े गलगलिया से ठाकुरगंज तक तस्करों द्वारा तस्करी का सामान बसों में चढ़ाया जाता है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि ठाकुरगंज में दर्ज कुर्लीकोर्ट कांड संख्या 218/09 में लिप्त आरोपियों का मादक पदार्थ तथा आग्नेयास्त्र तस्करी में खुलेआम समर्थन मिल रहा है। यही वजह है कि एसएसबी की दिल्ली खुफिया टीम लगातार इन दिनों बिहार नेपाल सीमा क्षेत्र में तस्करों के हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं।
गृह मंत्रालय को प्रतिदिन एक रिपोर्ट भी प्रेषित किया जा रहा है। पुलिस महकमे में इस बात की खुलेआम चर्चा है कि पुलिस उप महानिरीक्षक पूर्णिया के उन निर्देशों का अनुपालन क्यों नहीं हो पा रहा है। जिसमें उन्होंने सीमा पार तस्करी पर हर संभव रोक लगाने को कहा था। खुफिया विभाग ने अपने रिपोर्ट में चिंता जतायी है कि समय रहते देवीडांगा से दिघलबैंक तक राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर रोक न लगाया गया तो बिहार बंगाल का यह क्षेत्र बंगाल का लालगढ़ तथा बिहार का शिवहर वन जायेगा। जिसका ज्वलंत उदाहरण सीमावर्ती क्षेत्रों में चाय बागानों में चाय पत्तियों की लूट तथा विभिन्न योजना मदों में रंगदारी की मांग ा है। आसन्न विधानसभा चुनाव को ले सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करों माओवादियों, राजनेताओं तथा अलगाव वादियों के बीच प्रगादता बढ़ रही है।
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