Thursday, December 24, 2009

पथरघटी पंचायत विकास की बुनियादी सुविधाओं से वंचित

स्थानीय प्रखंड क्षेत्र अन्तर्गत स्थित पथरघटी पंचायत विकास की मौलिक सुविधाओं से आज भी वंचित है। बिजली, बैंक की दूरी 15 किलोमीटर और डाकघर छह किलोमीटर दूर स्थित होने से नरेगा, इन्दिरा आवास और वृद्धा अवस्था पेंशन के लाभुकों को भारी परेशानी हो रही है। वित्तीय वर्ष 2008-09 में किशनगंज शहर में एक साथ छह बैंकों ने अपनी शाखाएं खोली जिसमें से एक को पथरघटी पंचायत में खोल देने से छह-सात किलोमीटर के दूरी तक ग्रामीणों की परेशानी दूर हो जाती ।

पथरघट्टी पंचायत के मुखिया मुसफिक आलम व उपमुखिया अरुण कुमार ने बताया कि वे लोग गत चार वर्षो के विकास से सतुष्ट हैं लेकिन बैंक व डाकघर छह से 20 किलोमीटर दूर स्थित होने के कारण विकास कार्यो में बाधा पहुंच रही है । मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए चलाये जा रहे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का क्रियान्वयन खासा चुनौती पूर्ण हो गया है। क्योंकि बैंक 20 किमी की दूरी पर है जबकि डाकघर लगभग छह किमी की दूरी पर है। जबकि इस योजना के तहत कार्य करने वाले मजदूरों को भुगतान खाता के माध्यम से ही होना है। सवाल उठाया कि क्या कोई मजदूर इतनी दूरी तय कर खाते से निकासी करने जाएगा । इसके अलावा क्षेत्र में बैंक के नहीं होने से क्षेत्र के लोग कई सुविधाओं से वंचित है और यही कारण है कि केन्द्र व राज्य सरकार की तमाम योजनाओं की धरातल पर उतारने के लिए भगीरथ प्रयास करना पड़ता है।

मुखिया श्री आलम ने बताया कि इस समस्या के निदान हेतु जिला स्तर के अधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक को लिखित आवेदन दिया गया है। लेकिन आजतक कोई लाभ नहीं हुआ है, जबकि वर्ष 2008-09 में एक साथ किशनगंज शहर छह बैकों की शाखाएं आयी जिनमें से एक पथरघटी पंचायत में खोली जा सकती थी। इसके अलावा ग्रामीण जमीरउद्दीन, अली हुसैन, दिगमलाल राम, शाहिद आलम, राकेश कुमार, सैयदुर रहमान, मो. फारुक आलम व अन्य ने भी इस बावत कई समस्याएं गिनाई और कहा कि आज के युग में बिजली के अभाव में विकास की कल्पना भी नही की जा सकती जिससे उनका क्षेत्र वंचित है।

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