Monday, December 28, 2009

सरकारी संरक्षण नहीं मिला तो चाय उद्योग हो जाएगा चौपट

लगभग पचास हजार एकड़ चाय की बागान किशनगंज में है। प्रत्येक मिनट इसके बागान बढ़ रहे हैं। बागान मालिकों को सरकारी सरंक्षण नहीं मिला तो मजदूर, किसान और इससे संबंधित उद्योग चौपट हो जाएंगे। बिहार के विकास दर को देश के अन्दर अव्वल लाने में चाय की खेती की भी अहम भूमिका है। यह बात चाय की खेती से जुड़े किसानों ने कहीं । वे लोग किशनगंज शहर में बैठक करके चाय की पत्ती को लूटने से बचाने के लिए विचार विमर्श कर रहे थे थे। इस अवसर पर उद्योगपति राजीव लोचन गुप्ता, कुंज बिहारी सिंह, राजकरण दफ्तरी, प्रखंड प्रमुख सह जदयू नेता कमरुल होदा, मुखिया सह जदयू नेता इलियास रहमानी, पूर्व प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि शमीम अख्तर आदि की मौजूदगी में किसान नसीरउद्दीन, दुलालजीत सिंह, मुतारुदा, मसरुर अहमद उर्फ लाल, जमील अख्तर ,राज कुमार सिंह, बबलू सिंह, अब्दुल सत्तार, रशीक मरण्डी, सुपाल मरण्डी, मोइरा मुर्मू, रसिक मरण्डी, दीपू दा आदि सैकड़ों बागान मालिकों ने बताया कि चाय बागान मालिकों को सरकारी संरक्षण नहीं मिला तो वे लोग अपनी जमा पूंजी बचाने के लिए मर जाना बेहतर समझेंगे। घर-द्वार और जेवर गिरवी रखकर जिन्हें रुपए दिया , जमीन के बदले जमीन दी, वे लोग चाय बागान तैयार हो जाने के बाद स्थानीय नेताओं के संरक्षण में दिन दहाड़े चाय की पत्ती लूटकर औने-पौने मूल्य पर बेच रहे हैं जिससे अराजकता की हालात है। किसानों ने बताया कि जो लोग लूट रहे हैं, उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं है। नेता चाहते हैं कि चाय बागान मालिक उन्हें रोके, मारकाट मचे जिससे किसान, मजदूर और उद्योगपति नेता के संरक्षण में आने के लिए विवश हो जाएं। इससे पहले उद्योगपति राजीव लोचन गुप्ता ने कहा कि दस वर्ष पहले जब बिहार सरकार के आमंत्रण पर वे लोग चाय की बाग लगा रहे थे, उस समय ये नेता चुप क्यों थे जो आज भूमि की अदला- बदली और लीज के आड़ में चाय की पत्ती लूटने वालों को संरक्षण दे रहे हैं।

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