आम जनता के बहुविधि कल्याण हेतु, क्षेत्र के बहुविध विकास हेतु एवं प्रशासनिक दृष्टि से चुस्त एवं दुरूस्त प्रशासन हेतु छोटे राज्यों का गठन आवश्यक है। केन्द्र सरकार ने इसी आधार पर अभी तक बिहार ,उत्तरपदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब समेत कई अन्य राज्यों को खंडित कर छोटे-छोटे राज्यों का गठन किया है। इसीलिए संपूर्ण बिहार के कुल नौ जिले किशनगंज, अररिया, पूर्णियां, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, खगड़िया एवं भागलपुर मिलाकर सीमांचल राज्य का गठन होना चाहिए। यह बात पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री मो। तसलीम उद्दीन ने कहीं।
उन्होंने बताया कि सीमांचल की मांग कोई नई मांग नहीं है बल्कि यह दशकों पुरानी मांग है। समय का इंतजार था। केन्द्र सरकार आंध्र प्रदेश को विभाजित कर जब तेलंगना बनाने का प्रस्ताव मान सकती है तो सीमांचल की पुरानी मांग को नकारने का क्या औचित्य हो सकता है। उन्होंने बताया कि सामाजिक आर्थिक, भौगोलिक, राजनैतिक एवं सामरिक दृष्टि से सीमांचल का गठन आवश्यक है, इसके लिए वे संघर्ष करेंगे। उन्हें सीमांचल की जनता का साथ मिलेगा और उनकी बुलंद आवाज जब केन्द्र तक पहुंचेगी तभी केन्द्र सरकार कुछ सोचने एवं करने के लिए विवश होगी।
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