Friday, May 14, 2010

डेढ़ करोड़ के लागत का दुग्ध उत्पादन केन्द्र बंद

किशनगंज के तत्कालीन जिला पदाधिकारी के.सेन्थिल कुमार के अथक प्रयास से जिला ग्रामीण विकास अभिकरण से लगभग से साठ लाख रुपये, जिला कल्याण विभाग से भी लगभग साठ लाख ऋण एवं जिला विकास कार्यालय से लगभग पच्चीस लाख रुपये लेकर लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से कैलटैक्स चौक मेडिकल कालेज पथ पर वर्ष 2003 में खोला गया था दुग्ध उत्पादन केन्द्र। इस केन्द्र के लिए आवश्यकतानुसार जमीन खरीदी गई थी निर्धारित पैटर्न के अनुरूप भवन बना था।

अत्याधुनिक उपकरण खरीदे गये थे, वाहन खरीदे गये थे, कुछ लोगों की नियुक्ति हुई थी, तत्कालीन जिला भव्य विकास पदाधिकारी बेगुसराय एवं खगड़िया तक से दूध मंगाते थे एवं सेन सुधा ब्रांड से किशनगंज डेयरी से उत्पादित दूध किशनगंज के लोगों को सुलभ होता था लेकिन सीमांचल में पिछले चालीस वर्षो से अबाधित गति से हो रही पशु तस्करी के कारण एवं सत्तर अस्सी के दशक में भारत बांग्लादेश सीमा पर होती रही दुधारू पशुओं की चोरी लूट के कारण दुधारू पशुधन का घोर अभाव होता गया। फलत: दुग्ध उत्पादन केन्द्र बंद हो गया। पिछले लगभग 60 वर्षो से इस केन्द्र से सेन सुधा ब्रांड नामक दूध का उत्पादन बंद है।

मशीने जंग को समर्पित हो रही है, परिसर में झंखाड़ उग आये हैं एवं भवन की अवस्था की जीर्ण शीर्ण हो गयी है, एक चौकीदार रहता है। लेकिन वह भी प्राय: फरार बताया जाता है। वे सारे सपने चूर चूर हो गये हैं, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण सत्र में मिली सूचना के अनुसार दुग्ध उत्पादन केन्द्र के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध की उपलब्धता आवश्यक है और किशनगंज में दूध उपलब्ध ही नहीं है, दुधारू पशुओं का घोर अभाव हो गया है। किशनगंज बाजार में सुधा ब्रांड ने पकड़ मजबूत बना ली है। फलत: किशनगंज का दुग्ध उत्पादन केन्द्र अपने भविष्य पर आप आंसू बहा रहा है।

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