Thursday, May 27, 2010

भूमि माफिया के षडयंत्र का शिकार बनी बेवस विधवा

जिले के दिघलबैंक प्रखंड अंतर्गत फर्जी केवाला की शिकार बनी एक बेवस बिधवा। यह तथ्य तब प्रकाश में आया जब गत सोमवार को बिधवा उर्मिला देवी पति स्व. सुन्दर लाल सिंह ने न्याय हेतु जिला पदाधिकारी को इस आशय का आवेदन के साथ फर्जी केवाला की सच्ची प्रति समर्पित कर उचित कार्रवाई की मांग की। जिला पदाधिकारी फेराक अहमद ने उसकी तकलीफ को शिदद से महसूस करते हुए सभी साक्ष्यों का अवलोकन के उपरांत सीओ दिघलबैंक, भूमि सुधार उप समाहर्ता, किशनगंज को समुचित कार्रवाई हेतु कठोर निर्देश अपने पत्रांक - 425 दिनांक- 24 मई 2010 को जारी किए।

उल्लेखनीय है कि मुसामात उर्मिला देवी पति स्व. सुन्दर लाल सिंह साकिन दिघलबैंक अपने बच्चों के साथ रोजी-रोटी की तलाश में जालंधर चली गई थी। उसके पति के नाम से खरीदगी केवाला है और अद्यतन मालगुजारी रशीद भी प्राप्त है। बाहर रहने के कारण जमीन को बटाई पर लगा दी थी और बीच-बीच में आकर फसल बेच कर चली जाती थी। दिघलबैंक के कुछ दबंग लोग औने-पौने दाम में रजिस्ट्री करने हेतु दबाव भी बनाया था। जिसको पीड़िता ने बेचने से इंकार कर दिया। पीड़िता के जालंधर जाने के उपरांत उक्त भूमि को उसके सौतेले देवर जो कि वर्तमान में नेपाल में रहता है उससे केवाला संख्या 3428, 3429 व 3430 दिनांक - 05-05-10 को बहादुरगंज निबंधन कार्यालय में रजिस्ट्री करा लिया। जबकि जमीन पीड़िता के पति स्व. सुन्दर लाल सिंह के नाम से खरीदगी केवाला है।

 इस तथ्य की जानकारी गांव आने पर जब मुसमात उर्मिला देवी को हुई तब उसके पैर के नीचे से जमीन खिसक गई। उसके पति की जिन्दगी भर की कमाई लुट चुकी थी। उधर अंचलाधिकारी दिघलबैंक रमण कुमार सिंह ने जिला पदाधिकारी के आदेश मिलते ही त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित हलका कर्मचारी को उक्त तीनों केबाला का मोटेशन नहीं करने का निर्देश दिया है।

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