Friday, May 14, 2010

जनगणना कार्य में लापरवाही पर तीन वर्ष की सजा का प्रावधान

जनगणना कार्य से जुड़े कर्मियों ने थोड़ी सी लापरवाही बरती तो उन्हें तीन ंवर्ष तक जेल में रहना पड़ सकता है। यह जानकारी सूत्रों ने देते हुए बताया कि 2011 की जनगणना को सरकार विकास कार्यो के लिए पैमाना मानती है । इसी आधार पर देश के हर व्यक्ति की आईडी भी बनेगी। यानि यह जनगणना देश का विकास एवं देशवासियों की पहचान तय करेगी। इसीलिए काम में लापरवाही या गलत जानकारी भरने पर नियमों के अनुसार एक हजार का अर्थदंड या तीन साल की सजा या दोनों प्रावधान है। सनद रहे जनगणना के लिए नियुक्त प्रगणक घर घर जाकर परिवार से एक एक डाटा एकत्र करेंगे। प्रत्येक 6-7 प्रगणक के ऊपर एक पर्यवेक्षक तैनात किये गये हैं। जो इनकी मानिटरिंग करेंगे। इन दोनों की ही जिम्मेवारी जनगणना में बहुत अहम है।

 इन्हें जनगणना का कार्य करने क लिए ट्रेनिंग भी दी जा रही है। इसके बाद 15 मई से जनगणना प्रारंभ होगी। जिसमें प्रगणक घर घर जाकर जनगणना करेंगे। जनगणना अधिनियम 1948 या जनगणना नियम 1990 की धारा 11 (क) के तहत यदि जनगणना का दायित्व सौंपने के बाद कर्मचारी ने काम करने से मना किया या दूसरे व्यक्ति को काम नहीं करने के लिए प्रेरित किया तो ऐसे में उस कर्मचारी को एक साल की सजा एवं तीन वर्ष का कारावास हो सकता है। इस नियम की धारा 11(1) (ख) के तहत आपत्तिजनक सवाल पूछने एवं धारा 11(1) (ग) के तहत सरकार की अनुमति के बिना जनगणना की जानकारी किसी को बताने पर एक हजार रुपये एवं तीन साल की सजा का प्रावधान है।

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