Tuesday, August 4, 2009

आपदा पीड़ितों के लिए डीएम को है विशेषाधिकार,वंचित

डीआऱडीए के निदेशक ब्यासमुनि प्रधान ने बताया कि आगजनी सहित किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा में बीपीएल रेखा के नीच के परिवार को आवास मुहैया कराने के लिए राशि की कोई कमी नही है। केन्द्रीय आपदा प्रबन्धन विभाग का साफ आदेश है कि जिला प्रशासन के पास यदि राशि नही भी है तो इस मद के लिए वह किसी भी विभाग से राशि का आहरण करने के लिए स्वतंत्र है।
इतना बड़ी व्यवस्था के बावजूद, मुख्यमंत्री जिला स्तरीय जनता दरबार में गुहार लगाने के बाद भी तथा एक वर्ष बीत जाने के बाद भी जिला परिषद क्षेत्र सख्या दो के अन्तर्गत स्थित ग्राम खाड़ीटोला बलुआडांगी प्रखंड टेढ़ागाछ में कनकई नदी के धार में घर-द्वार बह जाने से विस्थापित 76 परिवारों को आज तक इन्दिरा आवास नही दिया गया । इस संबंध में तीन अगस्त को जिला परिषद क्षेत्र संख्या दो के सदस्य शौकत अली ने बताया कि विस्थापित परिवारों में कौन वीपीएल है और कौन एपीएल है।
कौैन इन्दिरा आवास का पात्र है और कौन अपात्र है, मुख्यमंत्री के जनता दरबार में दिए गए आवेदन के आधार पर जिला प्रशासन को जांच कराने की यथोचित कार्रवाई कम से कम तो करनी ही चाहिए । उन्होंने कहा कि वे लोग किस मुंह से फिर वोट मांगने अपने क्षेत्र में जाएंगे। इधर एडीएम श्याम कुमार सिंह ने बताया कि इस बावत उनके कार्यकाल में कोई आवेदन उनके सामने प्रस्तुत नही किया किया गया है।
उन्होंने आश्वस्त किया कि पीड़ित परिवारों का आवेदन मिलते ही उसका तत्काल बीडीओ से जांच कराई जाएगी और उसके आधार पर प्रत्येक प्रभावित परिवार को इन्दिरा आवास देने के लिए जिलाधिकारी के पास संस्तुति पत्र भेजा जाएगा। गौरतलब है कि कनकई नदी बाढ़ में गत वर्ष घर-द्वार खो चुके पीड़ित परिवारों के पास आज भी मुख्यमंत्री के जनता दरबार में दिया गया आवेदन और उसकी प्राप्ति है,लेकिन आपदा विभाग के पास उनके आवेदन की प्रति नही है, यह सुशासन कदापि नही हो सकता।

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