Wednesday, August 26, 2009

विकास निधि की राशि जिला के लिए वरदान: फैयजा

पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि एवं नरेगा विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए वस्तुत: वरदान है। इसका समुचित ढंग से उपयोग हो तो जिला में विकास चक्र गतिमान हो सकता है। ये बातें जिला परिषद के अध्यक्ष फैयाज आलम ने कहीं। श्री आलम स्थानीय रचना भवन में जिला परिषद के सदस्यों के लिए आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। इसी अवसर पर उपविकास आयुक्त ललन जी ने केन्द्र सरकार की पिछड़ा वर्ग क्षेत्र अनुदान निधि एवं नरेगा पर विस्तार से अधिकाधिक जानकारी देते हुए बताया कि इस वित्तीय वर्ष में केन्द्र सरकार की योजना के अनुसार 40 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का प्रस्ताव है।

तकनीक क्षेत्र में आज जो नित नई क्रांति आ रही है उसके अनुसार पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि एवं नरेगा योजना द्वारा जिले को आवंटित राशि का सदुपयोग हो तो जिले में विकास की आंधी आ जायेगी। जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के निदेशक व्यासमुनि प्रधान ने विभिन्न विभागों से संबंधित कार्यक्रमों की जानकारी दे। वहीं जिला योजना पदाधिकारी जिला परिषद उदय शंकर चौधरी ने जिला योजना से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों के औचित्य पर प्रकाश डाला। इसके पूर्व जिला पंचायती राज पदाधिकारी अजहरुदीन ने प्रतिभागियों को बिहार राज पंचायती अधिनियम 2006 के एवं त्रिस्तरीय पंचायत संस्थाओं के संबंध में प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया।

25 अगस्त को आयोजित इस तीन दिवसीय बैठक में उपस्थित पार्षदों को बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई ताकि वे अपने उत्तरदायित्व एवं क‌र्त्तव्य का पालन कर सके। बाद में उपविकास आयुक्त ललन जी ने बताया कि धनंजय कुमार सिंह प्रभारी निर्माण चक्र कार्यालय सुभाषपल्ली, मनोज कुमार, सचिव अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी आश्रित कल्याण संघ, डा। नितेश कुमार, सचिव फाउंडेशन फोर ह्यूमन डेवलपमेंट, नैयर तनवीर, सचिव क्रियेशन वेलफेयर सोसायटी किशनगंज, सतीश कुमार सिंह, सचिव साई सेंटर को रिर्सोस पालक नियुक्त किया गया है।

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