Friday, August 14, 2009

बुलंद विकलांग युवकों के जज्बें को सलाम : डीएम

अगर हौंसला हो बुलंद तो पहाड़ का सीना चीर कर पी की लहरें बहायी जा सकती है, आंधियों में चिराग जलाये जा सकते है। इसी जज्बें के साथ नेपाल के चार विकलांगों ने व्हील चेयर से सार्क देशों का भ्रमण करने को ठानी है। इसीक्रम में बंगलादेश के भ्रमण के उपरांत भारत के बंगाल होते हुए किशनगंज पहुंचे। जहां जिला पदाधिकारी फेराक अहमद और आरक्षी अधीक्षक चौरसिया चन्द्रशेखर आजाद के अलावे स्वयं सेवी संगठन निर्माण चक्र के स्वयं सेवकों ने उन लोगों का खैरमकदम किया।

इस मौके पर जिला पदाधिकारी श्री अहमद ने विकलांग भ्रमकारियों को हौसला अफजाई करते हुए कहा कि ऐसे ही दृढ़ संकल्पित समर्पित योद्धाओं के लिए कहा गया है, खुदी को कर बुलंद इतना कि खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है ? श्री अहमद ने इन लोगों के उद्देश्य एवं कार्य से अभिभूत होकर इनके मंगलमय यात्रा की शुभकामना दी और विदाई के मौके पर उपहार व कुछ आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया। इस मौके पर जागृति फैलाने निकले जत्था के तेज बहादुर कार्की एवं संतोष यादव ने कहा कि विकलांग शरीर के बोझ उठाते व्यथित मन व बोझिल दिमाग में ऊर्जा का संचार करते हेतु सार्क देश भारत, भूटान, बंगलादेश, मालदीप, श्रीलंका, पाकिस्तान व अफगानिस्तान के विकलांगों की घीसटती जिन्दगी में उत्थान के सूर्योदय लाने तथा उनके दशा में सुधार हेतु जागृति का संचार करने के उद्देश्य से निकले है।

इल लोगों ने बताया कि किशनगंज जिला पदाधिकारी द्वारा किए गए मेहमाननवाजी को अनोखा बताया और कहा कि इतना सम्मान अभी तक कही नहीं मिला जितना यहां मिला। यात्रा का शुभारंभ नेपाल से 21 मई 2009 को किया गया। जत्था में विकलांग तेज बहादुर कार्की, संतोष यादव, दुर्गा थापा के अलावे इनके सहयोगी राज कुमारी कार्की, सागर बसल, पम्पा भंडारी खानाल, शांति देवी गुरूंग व लक्ष्मी श्रेष्ठ शामिल है। इनलोगों की सेवा में निर्माण चक्र के अध्यक्ष इजहार आलम व सचिव शैलेश कुमार भूमिका सराहनीय रही।

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