Monday, August 31, 2009

सीमांचल जिला में राजद लेगी अब खुली हवा में सांस : विधायक

फसल के लिए हानिकारक तत्व बिना कीट नाशक के नष्ट हो जाएं तो खेत में पैदावार अच्छी होगी। तस्लीमुद्दीन के राजद छोड़ कर चले जाने के बाद निश्चित तौर पर राजद की स्थिति सीमांचल में मजबूत होगी। तस्लीमुद्दीन ने केवल सीमांचल में अपने स्वार्थ की राजनीति की है। यहां पर उन्होंने अपने को सर्वोपरि बनाने के लिए प्राय: विश्वासघात करते रहे हैं। यह बात स्थानीय राजद विधायक अख्तरुल ईमान ने कही। वे पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री सह किशनगंज के पूर्व सांसद तस्लीमुद्दीन के त्यागपत्र पर 29 अगस्त को प्रतिक्रिया जता रहे थे।

श्री ईमान ने कहा कि श्री तस्लीम के राजनैतिक जीवन का इतिहास रहा है कि जिस घर ने उसको शरण दिया उसी के छत को छेद करने का काम उन्होंने किया है। राजद में रहकर सभी प्रकार की सुख सुविधा को भोगा और बंद कमरे में सुप्रीमो के विरुद्ध टिप्पणी भी करते रहे हैं। उन्होंने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के बावत कहा कि तस्लीमुद्दीन अपने अहंकार के कारण वर्तमान लोकसभा चुनाव हार थे । परिसीमन के बाद जब उनका गृह प्रखंड जोकी किशनगंज से अलग हो गया था, उसी समय उनको अपना क्षेत्र बदल लेना चाहिए था किंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया।

श्री ईमान ने कहा कि किशनगंज में जब भी लोगों ने तस्लीमुद्दीन को वोट दिया है वह बाबरी मस्जिद विध्वंश, देश के दंगाई एवं गुजरात के कातिल के विरुद्ध वोट दिया है। आज परिस्थिति यह है कि स्वयं वे वहीं चले जाने का संकेत दे रहे हैं। श्री ईमान ने कहा कि तस्लीमुद्दीन जो आरोप पार्टी के नेता लालू जी पर लगाया है वह बेबुनियाद है। गुजरात का दंगा 2002 में हुआ 2004 में तस्लीमुद्दीन राजद के टिकट पर ही चुनाव लड़कर मंत्री बने। उस समय तो लालू जी खराब नहीं थे, उस समय यदि लालू जी ने उनकी बात नहीं मानी तो उन्हें मंत्री पद एवं पार्टी से क्यों नहीं त्याग पत्र दिया था।

श्री ईमान ने कहा कि गांधी का गौरव प्राप्त करने की चाहत वाला व्यक्ति राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के इतिहास को पढ़कर उनके अनुसार आचरण करना चाहिए न कि चुनाव हार जाने पर उसका ठीकरा किसी और फोड़ कर..? श्री ईमान ने कहा कि गत लोकसभा चुनाव में उनके लिए उन्होंने जितना काम किया था, उतना वे स्वयं भी नहीं किए थे।

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