Monday, August 3, 2009

मुख्यमंत्री: कोचाधामन के पूर्व बीडीओ पर दर्ज हुई प्राथमिकी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर 30 जुलाई को कोचाधामन थाना में पूर्व बीडीओ नूर अहमद शिवली पर भादवि की धारा 409 ़''अमानत में खयानत'' के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज की गई । प्राथमिकी के लिए सनहा 31 सितम्बर 2007 को स्थानीय विधायक अख्तरूल ईमान ने दिया था। कोचाधामन निस। के अनुसार गुरूवार को इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए स्थानीय विधायक श्री ईमान ने कहा कि कोचाधामन के पूर्व बीडीओ नूर अहमद शिवली पर कार्य के दौरान लगातार अनियमितता बरतने, सरकारी संपत्ति की अवैध बिक्री करने, फर्जी जाति प्रमाण पत्र देने, इन्दिरा आवास और नरेगा योजना में एक वर्ष पूर्व आरोप गठित होने, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रपत्र 'क' द्वारा कार्मिक विभाग को अनुशंसा करने के बावजूद प्राथमिक तक नही दर्ज होने का मामला उन्होंने विधानसभा में 29 जुलाई को उठाया था जिसके आलोक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आश्वासन दिया था कि वे इस मामले का आज ही डीजीपी को सौंप देंगे।

श्री ईमान ने बताया कि उनके तारांकित प्रश्न संख्या 1248-ए-46 के सवाल के उत्तर में ग्रामीण विकास मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा ने कहा कि जिलाधिकारी के प्रतिवेदन के आधार पर विभाग ने बीडीओ नूर अहमद शिवली के खिलाफ स्थानीय थाना में सनहा दर्ज कराया है। एसपी को इस मामले में सुपरवीजन करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि वहीं कोचाधामन पुलिस ढाई वर्ष पहले 31 सितम्बर 2007 को उनके द्वारा दिए गए सनहा के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की किन्तु एसपी के सुपरवीजन का अता-पता नही है।

श्री ईमान ने कहा कि सरकार की तरफ से प्राथमिकी नही दर्ज होना यह दर्शाता है कि प्रखंड मुख्यालय परिसर से 50 सौ क्विंटल से अधिक लोहा को बिक्री करने के मामले को अब भी दबाया जा रहा है। इससे पहले उन्होंने कहा कि नरेगा योजना और इन्दिरा आवास योजना की राशि में बंदरबांट के बावत कोचाधामन बीडीओ पर ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रपत्र 'क' में आरोप गठित किया तथा ग्रामीण विकास विभाग ने उसे अपने पत्रांक 3874, दिनांक 18 मई 2009 को प्रशासनिक कार्रवाई हेतु सचिव, कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग को अनुशंसा किया, उस पर मुख्यमंत्री नीतीश के आदेश के बावजूद आज प्राथमिकी नही दर्ज की गई है।

इसी प्रकार बीडीओ नूर अहमद को पत्रांक 6616, 26 मई 2008 के द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी करने का दोषी पाया तथा सरकारी निर्णयानुसार कार्रवाई करने का अनुशंसा किया है,उस पर भी आज प्राथमिकी दर्ज नही की गई । विधायक श्री ईमान असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि सरकारी मशीनरी बिक चुकी है,सभी का लक्ष्य भ्रष्टाचार फैलाकर जनता का धन लूटकर ले जाने वाले अधिकारी का बचाव करना रह गया है,आज की प्राथमिकी से ऐसा ही लगता है।

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