नेपाल देश स्थित इलाम के पास पहाड़ की चट्टान खिसकने से वहां पर रेतुआ व बुढ़ी कनकई नदी की धार बंद होने तथा 35-40 फुट ऊंचा पानी जमा होने से दोनो नदियों में जलप्रलय की आशंका नेपाल सरकार के प्रयास से टल गई है। नेपाल सरकार चट्टान को डाइनमाइट से नहीं तोड़ कर धीरे-धीरे चट्टान को खिसक रही है, इससे किशनगंज जिले के रेतुआ और बुढ़ी कनकई में बाढ़ जैसी हालत पैदा हो गई है।
यह समाचार पाते ही आज सुबह डीएम फेराक अहमद, डीडीसी ललन जी, पुलिस अधीक्षक चौरसिया चंद्रशेखर आजाद, सांसद मौलाना असरारुल हक व प्रमुख इम्तियाज आलम, पूर्व मंत्री जाहीर्दुरहमान, कटाव प्रभावित व बाढ़ वाले क्षेत्रों का दौरा किया । पौआखाली निप्र के अनुसार बुढ़ी कनकई में बाढ़ आने से पवना धार के आगे सैकड़ों घर कटाव की चपेट में आने की आशंका बढ़ गई है। मौके पर जिलाधिकारी श्री अहमद ने इन सभी लोगों की सूची बनाकर तत्काल विस्थापित करने का निर्देश दिया है। वहीं दिघलबैंक निप्र के अनुसार कांटाटप्पू, अठगछिया, गंधर्वडांगा, सिंघीमारी, पलसा, कंचनबाड़ी में डीएम अपने प्रशासनिक सहयोगियों के साथ पहुंचे तथा बुढ़ी कनकई से हो रहे भयंकर कटाव को देखा। इसके बाद गंर्धवडांगा गांव में जाकर बाढ़ से प्रभावित ग्रामीणों से मिले। नैनभीट्ठा पुल को भी देखा जिसके ऊपर से पानी बहने के कगार पर पहुंच चुका है।
मौके पर सांसद ने कटाव प्रभावित ग्रामीणों को प्रशासन की तरफ से राहत सामग्री उपलब्ध करवाने की मांग की है। टेढ़ागाछ निसं के अनुसार पिछले 36 घंटे से भयंकर त्रासदी में जी रहे बुढ़ी कनकई व रेतुआ नदी के निवासियों को आज भारी राहत मिली। गौरतलब है कि अफवाह फैलाई गई थी कि नेपाल स्थित इलाम में बुढ़ी व कनकई की धार के बीच में चट्टान गिर जाने से दोनो की धार बंद हो गई है। वहां पर छह किमी की दूरी में 35 से 40 फुट ऊंचा पानी जमा है। उल्लेखनीय है कि नेपाल स्थित इलाम टेढ़ागाछ प्रखंड मुख्यालय से 46 किमी पहले है। यदि इलाम में चट्टान को डाइनमाइट से उड़ाया जाता तो टेढ़ागाछ और दिघलबैंक प्रखंड के निवासियों को जलप्रलय का सामना करना पड़ता, जो अभी तक भीषण बाढ़ के रूप में सामने आई है।
No comments:
Post a Comment