Monday, August 17, 2009

स्वतंत्रता दिवस: शहीदों के पथ पर चलने से अक्षुण्य रहेगी देश की आजादी :डीएम

शहीदों के पथ पर चलने से देश की आजादी अक्षुण्य रहेगी। यह बात जिला पदाधिकारी फेराक अहमद ने कही। श्री अहमद 62 वें स्वाधीनता दिवस समारोह के अवसर पर स्थानीय अशफाक उल्ला खंा स्टेडियम में मुख्य समारोह को संबोधित कर रहे थे। जागरण प्रतिनिधि के अनुसार उन्होंने शहीदों को याद करते हुए कहा कि सारे जहां से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा और नही सहेंगे-नही सहेंगे अंग्रेजों की गुलामी जैसे सूक्त वाक्य हमारे राष्ट्र के अमर सपूतों को बलिवेदी चढ़ने के लिए उत्प्रेरित किया था। आज का जश्न उन्हीं के त्याग और बलिदान का फल है। इसे सदैव स्मरण रखना चाहिए। ऐसे स्मरण से आजादी के अहसास हमें हर पल होगा। गौैरतलब है कि इस महान अवसर पर डीएम श्री फेराक अहमद ने सीमा सुरक्षा बल, सीमा सशस्त्र बल, एनसीसी एवं स्काउट तथा गाइड की दुकड़ियों के परेड का निरीक्षण पुलिस अधीक्षक डा। चौरसिया चन्द्रशेखर आजाद के साथ किया। समारोह में उनके साथ साथ बीएसएफ के डीआईजी एम.एफ.खान, एसएसबी के समादेष्टा, सरकारी पदाधिकारी और भारी संख्या में आम जन मौजूद थे, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की भूमिका, भारत की विशालता, शिक्षा का महत्व एवं सांस्कृतिक संपन्नता की चर्चा की । विधि संवाददाता के अनुसार एडीजे अमरेन्द्र मणि त्रिपाठी ने झंडारोहण के बाद कहा कि न्याय प्राप्त करने के लिए सभी देशवासी आज स्वतंत्र है। आजाद देश में यह स्वतंत्रता हम सभी की धरोहर है,जिसे बचाए रखना देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। मरवाड़ी कालेज के प्रधानाचार्य डा. संजय सिंह ने कहा कि आदर्शो की भूमि पर दिनोदिन अपराधों की फसल बढ़ती जा रही है। युवाओं को संकल्पित हो कर नई तस्वीर बनानी चाहिए। किशनगंज काप्र के अनुसार डीआईजी बीएसएफ श्री खान ने बांग्लादेश की सीमा की जानकारी देते हुए बताया कि 2008-09 में 60 स्मलगर, 13 सौ मवेशी व 70 लाख की अन्य सामग्री तस्करों से जब्त की गई। उन्होंने कहा कि बीएसएफ किशनगंज को बांग्लादेश की सीमा पर स्थित भारत के 177 किलोमीटर की रक्षा के लिए तैनाती की गई है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ देश की अति महत्वपूर्ण विंग एसएसबी, डीआरआई, कस्टम और सिविल पुलिस के साथ मिलकर राष्ट्रद्रोही गतिविधियों पर भी नजर रखती है। इससे पहले उन्होंने केन्द्रीय विद्यालय खगड़ा बीएसएफ में झंडारोहण किया। इससे पहले नवोदय विद्यालय में सांसद मौलाना असरारुल हक काशमी ने कहा कि बच्चे के प्रति समर्पित मौलवी, विद्वान गुरु, कर्तव्य निष्ठ शिक्षक और आधुनिक संसाधनों से संपन्न स्कूल देश की अमूल्य धरोहर है। विधानपार्षद डा. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि मर्यादा के बंधन में रहने वाला देश और इंसान को कभी भी गुलाम नही बनाया जा सकता है। उन्होंने शिक्षण संस्थाओं को प्रेरित किया देश के शिक्षण संस्थान मर्यादित नागरिक अपने स्कूलों व कलेजों में पैदा करें। ठाकुरगंज के विधायक गोपाल अग्रवाल ने कहा कि देशवासी खेत में अच्छा बीज डाले और उस पर नजर रखें, सामाजिक व राजनीतिक पर्यावरण को गंदा करने वाले को दंड दे, बच्चों को स्कूल भेंजे, सभी लोग ऐसे जागरुक पिता को सलाम करेंगे। विधायक अख्तरूल ईमान ने कहा कि आजाद देश में देश के ही लोग गरीबों को पीसकर पी रहे हैैं। उनके अंत के लिए प्रत्येक शोषित नागरिक को अपने बच्चो को पढ़ाकर विद्वान बनाना चाहिए। विधायक बहादुरगंज तौशीफ आलम ने कहा कि आजादी का लक्ष्य तबतक अधूरा है, जबतक देश का बच्चा-बच्चा पढ-लिखकर अपने पैर पर खड़ा न हो जाएगा। उन्होंने कहा कि गुलामी का दूसरा नाम ही अशिक्षा है। शिक्षित देश और शिक्षित नागरिक हर समस्या का समाधान खोज लेता है। जिप अध्यक्ष फैयाज आलम ने कहा कि देश की अप लाइन जैसी होगी वैसी ही डाउन लाइन होगी। उन्होंने अपील किया कि देशवासी अपने बच्चों को विद्वान बनाकर अप लाइन को ठीक कर सकते हैं। वे देश की शीर्ष व्यवस्था की तरफ आम जनों के ध्यान आकर्षित करा रहे थे। माता गुजरी मेमोरिययल मेडिकल कालेज के सचिव युगलकिशोर तोषणीवाल ने कहा कि अपनी शक्ति को नही समझनी चाहिए। जो देश अपनी शक्ति को जानता है वह कभी गुलाम नही हो सकता। देश की शक्ति में सेना , जनप्रतिनिधि, अधिकारी, विद्वान, उद्योगपति, व्यवसायी किसान, मजदूर, छात्र और शिक्षण संस्थान आते हैं। हम विश्व में और अपने देश में इनके बीच तुलना करें और जहां कमजोर कड़ी मिले उसे मजबूत बनाएं। इससे पहले नप अध्यक्ष श्रीमती शिबिया देवी और नप उपाध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र जैन, वार्ड पार्षद प्रतिनिधि गुड्डू, असगर अली, मनोज गंट्टनी, रंजीता साह, वसीमा खातून व वार्ड प्रतिनिधि 14 मो। हाजी सुहान, वार्ड पार्षद मुकेश गुप्ता, राजद नेता उसमान गनी, जदयू के जिलाध्यक्ष प्रो। बुलन्द अख्तर हाशमी, लोजपा के जिलाध्यक्ष कलीमउद्दीन, जिला परिषद सदस्य इफ्तारखार आलम, शौैकत अली, ललित कुमार, कमरुजमा, जिप उपाध्यक्ष हीरा सिंह, सरिता कुमारी, दरोगा प्रसाद राय के आर. के. यादव,राहत की फरजना बेगम आदि ने स्वतंत्रता दिवस पर जिले वासियों को प्रेरित किया सभी लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजें।

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