Friday, August 21, 2009

नेपाल से निकली नदियां क्षेत्र बरपा रही हैं कहर, चार प्रखंड प्रभावित

नेपाल से निकल कर किशनगंज जिला में प्रवाहित बूढ़ी कनकई, रेतुआ और मेंची नदी 20 अगस्त की रात को जिले में कहर बरपाई। महानंदा और डोक नदी के तट पर भी कहर जारी है। भोलमारा पंचायत में अचानक बाढ़ आने से एक सौ से अधिक मवेशी महानंदा नदी में बह गये। ठाकुरगंज में नेपाल सीमा पर पर स्थित एसएसबी का एक कैंप मेची नदी में डूब गया है। वहां पर मेची नदी का पानी रेल पटरी के ऊपर से बह रहा है जिसके कारण सैकड़ों परिवार घर-द्वार छोड़कर पलायन कर गए हैं। दिघलबैंक निप्र के अनुसार दिघलबैंक हाट में पानी घुस गया है।

लोहागाड़ा के मुसाई टोला का काला सोरेन मवेशी हांकने के दौरान कनकई में डूबकर 20 अगस्त को दिन में डूबकर मर गया। शव को ग्रामीण खोज रहे हैं। पथरघट्टी, ताराबाड़ी, लक्ष्मीपुर, लोहागाड़ा, सिंघीमारी, सतकौआ,धनतोला, अठघछिया, आदि पंचायतों में कनकई नदी का पानी घुस गया है। प्रखंड प्रमुख इमतियाज आलम ने बताया कि दहीभात, तुलसिया व मंगुरा को छोड़कर सभी 13 पंचायतों में नदी का पानी घुस गया है। उन्होंने कहा कि लगभग 40 ंवर्ष में ऐसी बाढ़ नही आयी है। पौआखाली निप्र के अनुसार भोलामारा पंचायत महानंदा नदी में बाढ़ आने से सौ मवेशी बह गए हैं।

यह जानकारी देते हुए ग्रामीण मसूद आलम ने बताया कि महानंदा एक डेल्टा क्षेत्र में वे सभी मवेशी चर रहे थे। इसी समय पानी बढ़ने लगा जिससे डरकर मवेशी मालिक जान लेकर भागे,लेकिन मवेशी को नही बचा सके। इसी प्रकार टेलीभिंट्टा गांव में एक सौ परिवार कनकई नदी से घिर गए हैं। भवानी गंज में भी पानी घुसने का समाचार मिला है। टेढ़ागाछ निस के अनुसार रेतुआ नदी में बाढ़ आने से झुनकी पुल का संपर्क पथ बह गया है जिससे प्रखंड मुख्यालय का संपर्क झुनकी मुसहरा पंचायत कालपीर पंचायत,मटियारी पंचायत और डाकपोखर पंचायत से भंग हो गया है।

इसी प्रकार कनकई और रेतुआ नदी मं भयंकर बाढ़ आने से प्रखंड मुख्यालय का सम्पर्क जिला मुख्यालय से टूट चुका है। फुलवारिया हाट को बचाने के लिए बना बांध रेतुआ नदी में बाढ़ आने से क्षतिग्रस्त हो गया है। जिला परिषद सदस्य सौकत अली, इफ्तखार आलम, बीस सूत्री के अध्यक्ष संतलाल मंडल आदि ने बताया कि इससे पहले 1996 में इस प्रकार की बाढ़ कनकई व रेतुआ नदी में आयी थी। आशा, लोधाबाड़ी, दर्जन टोली, खुरखरिया, हवाकोल, खजूरबाड़ी बेतबाड़ी, भवनगवां, सुहिया, पंखाबाड़ी, माली टोला गांव में पानी घुस गया है।

लोग जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध नाव से ऊंचे स्थान पर जाकर शरण ले रहे हैं। मौके पर जनप्रतिनिधि सहयोग कर रहे हैं। कालपीर - बीबीगंजके मुखिया सुभाष चन्द्र पंडित ने बताया कि कनकई नदी में बाढ़ आने से बीबीगंज का कंचनबाड़ी, माली टोला, सिरपु टोला, बसाक टोला, मूढ़ी बेची, काशीबाड़ी, पिपरा गांव बाढ़ के पानी से घिर गया है। लगभग दो सौ परिवार अपना घर-द्वार छोड़कर अन्यत्र स्थान पर चले गए हैं। इस दौरान प्रशासन द्वारा 16 परिवार को राहत सामग्री दी गई है। बीडीओ रविभूषण ने बताया कि तीन दिन पहले प्रभावित 16 परिवारों को राहत सामग्री दी गई है।

पहाड़कंट्टा निप्र के अनुसार पोरलाबाड़ी ग्राम पंचायत राज का हल्दा गांव को कटाव से बचाने का अन्तिम प्रयास 19 अगस्त को असफल हो गया। घर के साथ जान माल की क्षति को बचाने के लिये लोग टै्रक्टर पर सामान लादकर ऊंचे स्थान के लिए रवाना हो गए हैं। मुखिया सरबतिया लाल व उपमुखिया मो। सलीम रब्बानी बताया कि मो. शराफत, मो. इसरारुल, मो. फरमान बक्स, हाजी अब्दुल रहमान, जहांगीर आलम हाजी अजीम,नसीम अख्तर, मोबीन अहमद, जहांगीर आलम, हलीमउद्दीन, नजीर मन्नान, नस्तर, नवीन अख्तर, जुबेर, जुनेद, सैदुल मुसोमात शरीकन आदि का परिवार डोक नदी के कटाव के डर से घर छोड़कर चले गए हैं। उन्होंने बताया कि इन लोगों में तीन परिवार ऐसा भी है जो इन्दिरा आवास में रहते थे। ठाकुरंगज निप्र व निस के अनुसार मेंची नदी में बाढ़ आने से सिलीगुड़ी रेल लाइन के ऊपर से पानी बह रहा है।

लोग भयंकर बाढ़ आने के भय से ऊपरी स्थान की तलाश में घर-बार छोड़कर निकल चुके हैं। सबसे अधिक प्रभावित नीबूगुड़ी, गुहीगाड़ा, पासवान टोला, कुलीकोट पंचायत खरखरी, तबलभिठ्टा, दल्ले गांव पंचायत में बाढ़ का पानी घुस गया है। किशनगंज काप्र के अनुसार महानंदा में बाढ़ आने से दौला पंचायत, महीनगांव, गाछपाड़ा पंचायत के कई टोला में पानी घुस गया है। जिला प्रशासन ने स्वीकार किया कि अचानक बाढ़ आने से जिला का चार प्रखंड प्रभावित है।

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