Wednesday, August 26, 2009

कल्याणकारी योजनाओं की राशि में लगा हुआ है दीमक

कल्याणकारी योजनाओं में लाभुकों के राशि दीमक के तरह चाट ली जाती है। यह हालात वृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा आवास, नरेगा के अंतर्गत मजदूरों को कार्य के बदले रोजगार कार्यक्रमों में है। भ्रमण के क्रम में जनप्रतिनिधियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि राज्य में इन दिनों जनप्रतिनिधियों को विचौलियां की संज्ञा दी जा रही है। सरकारी नियमन को सरल किया जाय तो राज्य के पंचायत जनप्रतिनिधि आज भी राजा हरिश्चंद्र के बताये मार्ग पर चलकर सत्य और निष्ठा से कार्य करने को तैयार है किंतु सरकारी नियमन में इतने दांव पेंच है जिसका लाभ उठाकर कल्याणकारी योजनाओं में लाभुकों के राशि को दिमक के तरह वे चाटने के लिए विवश है।

इससे पहले एक सरकारी सेवक, बैंक प्रबंधक व डाकपाल ने कहा कि मनगढंत आरोप लगाना लाभुकों का दिन प्रतिदिन का कार्य है। गौरतलब है कि निष्पक्ष जांच कराया जाय तो कल्याणकारी कार्यक्रमों में बड़ो-बड़ों की पोल खुलती नजर आयेगी। इससे पहले सूत्रों ने बताया कि ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र में वृद्धावस्था पेंशन भुगतान के नाम पर डाक कर्मियों द्वारा पचास रुपये प्रति लाभुक, नरेगा योजना में दो से तीन प्रतिशत डाक कर्मियों द्वारा ली जा रही है।

राष्ट्रीय कृत बैंकों में भी इंदिरा आवास योजना भुगतान में बंधी बंधाई राशि भुगतान के समय काट ली जाती है। जननी बाल सुरक्षा योजनान्तर्गत भुगतान होने वाले चौदह एवं सोलह सौ रुपये के चेक में भी पचास से सौ रुपये तक काट कर भुगतान करने की परंपरा हो चल रही है। सरकार द्वारा अनुदान के रूप बांटे जा रहे ऋणों में भी बैंक कर्मियों की बंधी बंधाई कमीशन आम बात है।

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