Monday, March 23, 2009

एक वर्ष में 28 हजार रोगी भर्ती,अधिकांश कुपोषण के शिकार

छतरगाछ रेफरल अस्पताल में एक वर्ष के दौरान 28 हजार से अधिक रोगियों का इलाज किया गया जिसमें अधिकांश रोग के मूल में कुपोषण था। गौरतलब है कि कुपोषण को लेकर हालत इतनी चिंताजनक है कि एक हजार से अधिक रोगियों को आपातकालीन सेवा देनी पड़ी। इस बाबत शुक्रवार को प्रभारी चिकित्सक डा। विजय कुमार ने बताया कि वर्ष 08 के जनवरी माह से दिसम्बर तक कुल 28 हजार सात सौ 27 रोगियों का इलाज किया गया जिसमें एक हजार सात सौ 92 रोगियों की हालत चिंतनीय थी और उन्हे आपातकालीन सेवा के तहत अस्पताल में भर्ती कराके उसकी चिकित्सा करायी गई।
श्री कुमार के मुताबिक इलाज किये गये रोगियों में अधिकांश रोगी कुपोषण के शिकार मिले, जो एनेमिया बीमारी से ग्रस्त था। उन्होंने आगे बताया कि दिसम्बर 07 से फरवरी 09 तक कुल नौ सौ नौ महिलाओं का प्रसव कराया गया इसमें भी अधिकांश महिलाएं एनेमिया की मरीज थी और खून की कमी से परेशान थी ।
स्मरणीय है कि बाल विकास परियोजना के तहत प्रत्येक पंचायत में आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है जहां गर्भवती, धात्री, किशोरी सहित बच्चों के लिए पौष्टिक आहार दिये जाने का प्रावधान है। लेकिन यदि अस्पताल के चिकित्सक द्वारा इलाज किये गये कुपोषण रोगियों पर गौर किया जाय तो अधिकांश आंगनबाड़ी केन्द्र दायित्व से मुकरते नजर आएंगे जिसके लिए सीडीपीओ अधिक जिम्मेवार है।

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