Tuesday, March 17, 2009

जदयू को टिकट देने से भाजपा विखंडित होने के कगार पर

किशनगंज संसदीय चुनाव में राजग गठबंधन के तहत किशनगंज सीट जदयू को दे दिए जाने से भाजपा खेमा न केवल आक्रोशित है अपितु यह विखंडित होने के कगार पर भी है। भाजपा खेमा के एक वरीय सदस्य ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जबसे किशनगंज संसदीय सीट पर भाजपा प्रत्याशी सैयद शाहनवाज हुसैन काबिज हुए तब से किशनगंज जिला भाजपा में बिखराव का सिलसिला शुरू हुआ।

ठाकुरगंज के पूर्व भाजपा विधायक सिकन्दर सिंह,बहादुरगंज के पूर्व भाजपा विधायक अवध बिहारी सिंह व वरिष्ठ नेता मोती लाल सर्राफ समेत कई वरिष्ठ भाजपा नेता संगठन से दूध की मक्खी की तरह निकाल बाहर फेंक दिए गए। इतना ही नहीं किशनगंज में कथित रूप से भाजपा का जिस तरह से इस्लामीकरण प्रारंभ हुआ उससे भाजपाई नाराज हुए। परिणामस्वरूप 2004 के संसदीय चुनाव में शाहनवाज को मुंह की खानी पड़ी। उस समय भी आतंरिक कलह के कारण ही भाजपा को शर्मनाक हार का दंश झेलना पड़ा। उक्त नेता ने बताया कि किशनगंज से भाजपा टिकट पर एक बार संसदीय चुनाव जीत कर शाहनवाज सत्ता एवं सम्मान के शीर्ष पर जा पहुंचे। उन्हें राष्ट्रीय ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय पहचान भी मिली पर किशनगंज में भाजपा बिखर गई।

अब 2009 के संसदीय चुनाव में भी राजग नेताओं ने जो हथकंडा अपनाया है उससे भाजपा ही नहीं राजग गठबंधन का भारी नुकसान होगा। इस बार भी 'घर में लगेगी आग घर के चिराग से।' राजग गठबंधन की हरकत से संभावित राजद प्रत्याशी मो। तसलीम उद्दीन की जीत सुनिश्चित हो गई है, ऐसा राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है।

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