Tuesday, March 31, 2009

भूमि गरीबों की कब्जा दबंगों का

अंचलाधिकारी से लेकर डीएम तक, विधायक से लेकर सांसद तक हर दरवाजे पर अपनी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करवाने की गुहार अनसुनी होने के बाद मुख्यमंत्री के जनता दरबार में ठाकुरगंज के दर्जनों गरीब आदिवासियों की गुहार भी असर नहीं दिखा पाई है। कार्रवाई पत्र में हर आवेदक को एक सप्ताह से दस दिनों के अंदर उसके नाम आवंटित जमीन उपलब्ध करवा देने के आश्वासन के डेढ़ माह गुजरने के बाद भी इस मामले में प्रशासन की लापरवाही जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम को औचित्यहीन बना दिया है।
रामदेव रजक निबंधन संख्या 04224201552 की एक एकड़ जमीन पर सपन साहा के अवैध कब्जा की बात प्रशासन कबूलता है तथा एक सप्ताह के अंदर जमीन पर दखल दिलाने का आश्वासन भी देता है परंतु डेढ़ माह बाद भी कार्रवाई नदारद है। वहीं दुखा सदा जिनके आवेदन 0402920147 पर प्रशासन इनकी एक एकड़ जमीन पर निरंजन अग्रवाल का अवैध कब्जा मानता है।
रसीक सदा जिनके 0422420149 निबंधन संख्या के तहत दिए गए आवेदन को प्रशासन सही मानते हुए इनकी जमीन पर बंगाल के सपन साहा के अवैध कब्जे को स्वीकारता है। वहीं उर्मीला देवी की एक एकड़ जमीन पर बागडोगरा के नंदू पाल का अवैध कब्जा तो उत्तमलाल सदा के पिता के नाम दर्ज 99 डिसमील जमीन पर शोभा चंद्र अग्रवाल का कब्जा ऐसे ढेरों आवेदन है जिन पर प्रशासन ने एक सप्ताह से दस दिनों के अंदर दखल दिलाने की घोषणा की थी परंतु डेढ़ माह गुजर गए कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति ही की गई।

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