Tuesday, April 7, 2009

वायदों के बावजूद आज तक नहीं बना मेची नदी पर पुल

आश्वासनों के बावजूद गलगलिया (भारत) एवं भद्रपुर (नेपाल) के बीच मेची नदी पर पुल निर्माण की योजना अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई है। हालांकि योजना आयोग की टीम के स्थल निरीक्षण के बाद लोगों के मन में पुल निर्माण की आस जगी थी। लेकिन दल के दौरे के तीन वर्ष बीत गये हैं और इस दिशा में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।

इस पुल के निर्माण के लिए पिछले एक दशक से स्थानीय नागरिक संघर्षरत हैं। इसी संघर्ष के कारण नेपाल में भारत के राजदूत श्याम शरण ने 16 दिसम्बर, 2003 को भद्रपुर दौरे के दौरान पुल निर्माण स्थल का निरीक्षण कर इसकी आवश्यकता पर बल दिया था। सांसद तस्लीमुद्दीन के प्रयास से 31 जुलाई, 2005 को योजना आयोग की टीम ने भी गलगलिया स्थित मेची घाट का दौरा कर एक रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपी थी। परंतु पुल निर्माण की योजना आज तक आगे नहीं बढ़ पाई।

पुल नहीं बनने से ऊपजी स्थानीय नागरिकों की पीड़ा को मेंची नदी पर बना चचरी पुल थोड़ा कम जरूर कर देता है, परंतु नेपाल स्थित भद्रपुर नगर पालिका के नियंत्रण वाले इस चचरी पुल पर मनमाना टैक्स वसूली लोगों को आक्रोशित कर रहा है। एक दशक पूर्व भद्रपुर के रसूख वाले नागरिकों द्वारा जनसेवा के नाम पर पुल बनाने का सिलसिला वर्तमान में भद्रपुर नगरपालिका के बड़े आय का स्रोत है। जानकारों के अनुसार इस वर्ष इस चचरी पुल के लिए भारतीय मुद्रा में 2।25 लाख में नीलामी हुई है।

आगामी चुनाव में जनहित से जुड़ा यह मुद्दा फिर वायदे की शक्ल में सामने है। लेकिन पिछले वायदों के पूरे नहीं होने से आहत जनता विश्वास के मूड में नहीं।

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