Wednesday, April 29, 2009

चुनाव में सत्ता से जुड़े नेताओं को सिखा सकते हैं सबक,आज भी जारी है पलायन

चुनाव के महासमर में किशनगंज लोकसभा के नेताओं का भविष्य आधे से अधिक बेरोजगार तय करेंगे। वोटरों का एक बड़ा हिस्सा यदि एकमत हुए तो बेरोजगारी और पलायन की पीड़ा सत्ता से जुड़े नेताओं के लिए सीख हो जाएगी। प्रखंडवार नजर डालने पर डगुरुआ में एक लाख 12हजार दो 38, बायसी में एक लाख 19 हजार एक सौ 32,ं वैसा में एक लाख पांच हजार पांच सौ तीस, अमौर में एक लाख 53 हजार,छह सौ 86, कोचाधामन में एक लाख 56 हजार 28, किशनगंज में एक लाख 30 हजार पांच सौ दो, पोठिया में एक लाख 28 हजार नौ सौ 42, ठाकुरगंज में एक 48 हजार दो सौ 65, दिघलबैंक में एक लाख दो सौ 96 ,बहादुरगंज में एक लाख 42 हजार 99, टेढ़ागाछ में 71 हजार 94 लोग बेरोजगार है।

सनद रहे कि चुनाव के इस मौसम में बेरोजगार तबका लोकसभा क्षेत्र से लगातार पलायन कर रहा है। किशनगंज रेलवे के सुपरवाइजर डी।के.उपाध्याय ने बताया कि गत वर्ष मार्च -अप्रैल में जितने टिकटों की बिक्री हुई थी,उसमें कमी नही आयी है।

वर्ष 2008 में 68 लाख लाख 78 हजार नौ सौ 89 रुपए की बिक्री हुई थी, अप्रैल में 65 लाख 92 हजार तीन सौ 44रुपए की बिक्री हुई थी,वहीं 2009 में एक मार्च से 20 मार्च तक 78 लाख तथा एक अप्रैल से 19 अप्रैल तक 75 लाख रुपए के टिकटों की बिक्री हुई है,जो दर्शाता है कि किशनगंज से पलयान करने वालों की संख्या यथावत है।

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