Monday, April 20, 2009

सुरजापुरी विकास मोर्चा के समर्थन से बदला चुनावी फिजां

किशनगंज लोकसभा चुनाव में सुरजापुरियों को अपने पक्ष में गोलबंद करने के विभिन्न दलों के कवायद को उस समय करारा झटका लगा जब सुरजापुरी विकास मोर्चा के अध्यक्ष,फिल्म निर्माता व उत्तर बंग फिल्म एसोसिएशन के अध्यक्ष राजनीति के मंझे खिलाड़ी ताराचंद धानुका ने काफी गहन विचार- विमर्श व अपने सिपहसलारों से कई घंटे बन्द कमरे में गुप्त मंत्रणा के बाद विकास व सुरजापुरियों के मान-सम्मान के लिए सुरजापुरी जद यू प्रत्याशी सैयद महमूद अशरफ को समर्थन देने की घोषणा कर दी।
यहां ज्ञातव्य है कि गत दिनों जदयू विधायक गोपाल अग्रवाल ने विकास पुरूष नीतीश कुमार के विकास माडल को सामने प्रस्तुत कर क्षेत्र की बहुसंख्य समाज के हित में सुविमो सुप्रीमो से जद यू को समर्थन देने का आग्रह किया था। इस मौके पर बायसी के विधायक रूकनुद्दीन व जद यू प्रत्याशी सैयद महमूद अशरफ भी मौजूद थे।
विधायक श्री अग्रवाल के आग्रह के बाद फिर शुरू हुआ बंद कमरे में कई घंटों तक मंत्रणाओं का दौर और इस निर्णायक बेला में विधायक समेत जद यू प्रत्याशी को भी मंत्रणा से दूर रखकर काफी तर्क-वितर्क के बाद जद यू को समर्थन देने की सुप्रीमो ने घोषणा की। सुविमो सुप्रीमो ताराचंद धानुका ने बताया कि वे लंबे समय से न केवल सुरजापुरियों के हक-हुकूक की लड़ाई लड़ते रहे है अपितु उनके दु:ख-सुखमें भी समान सहभागी रहे है और यही कारण है कि सुरजापुरियों ने उन्हे अपने दिल में बसाया है। इतना ही नहीं उन्होंने सुरजापुर का इतिहास बनाने व सुरजापुरी को राष्ट्रीय क्षितिज पर लाने के लिए काय आपन काय पर फिल्म भी बनायी। आज सुरजापुरी का मतलब काय आपन काय पर से है।
उन्होंने कहा कि वे सुरजापुरियों के मान-सम्मान व विकास को सर्वोपरि मानते हुए जद यू को समर्थन देने का निर्णय लिये है ताकि वोट के ठेकेदारों की दुकानदारी बंद हो सके। श्री धानुका ने प्रश्न किया कि आखिर चुनाव के समय ही जाति व बिरादरी की डुगडुगी क्यों बजती है । बिरादरी की बात करने वाले नेता सालों भर उनकी खोज-खबर नहीं लेते है और चुनाव के वक्त बरसाती मेढक की तरह टर्र- टर्र करने चले आते हैं ।

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